scorecardresearch
 

CJI रंजन गोगोई बोले- क्या अयोध्या केस अभी भी चल रहा है...

अयोध्या मामले में एक पक्षकार उमेश चन्द्र पांडेय की ओर से सीनियर एडवोकेट वी शेखर ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर  लिखित नोट चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच को सौंपा.

Advertisement
X
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (फाइल फोटो-ANI)
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (फाइल फोटो-ANI)

Advertisement

  • मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर लिखित नोटिस SC में दाखिल
  • चीफ जस्टिस बोले- क्या अयोध्या केस अभी चल रहा है?
  • सुप्रीम कोर्ट ने लिखित नोट को रिकॉर्ड पर लिया

अयोध्या मामले में एक पक्षकार उमेश चन्द्र पांडेय की ओर से सीनियर एडवोकेट वी शेखर ने 'मोल्डिंग ऑफ रिलीफ' पर  लिखित नोट चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच को सौंपा. इस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने हल्के अंदाज में कहा कि क्या अयोध्या केस अभी भी चल रहा है. हमे तो लगता है कि अब सुनवाई पूरी हो गई.

सुप्रीम कोर्ट ने लिखित नोट को रिकॉर्ड पर ले लिया. लिखित नोट में मांग की गई है कि सुन्नी बोर्ड या फिर रामलला विराजमान का जमीन पर मालिकाना हक़ का दावा साबित न हो पाने की स्थिति में मालिकाना हक सरकार दे दिया जाना चाहिए.  फिर सरकार तय करे कि विवादित जमीन का क्या किया जाए.

Advertisement

Maharashtra Election Result Live Updates: महाराष्ट्र में बीजेपी को झटका, फडणवीस कैबिनेट के 6 मंत्री पीछे

मुस्लिम पक्ष भी दायर कर चुका है हलफनामा

इससे पहले सोमवार को मुस्लिम पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर हलफनामा दायर किया गया था. हालांकि, इस दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मुस्लिम पक्ष से कहा था कि ये तो अंग्रेजी अखबार के फ्रंट पेज पर था.

Assembly Election Results LIVE: महाराष्ट्र के रुझानों में BJP को बढ़त, लेकिन हरियाणा में कांग्रेस से कड़ी टक्कर

दरअसल, मुस्लिम पक्ष की ओर से जब मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर हलफनामा दायर किया गया तो चीफ जस्टिस ने उनसे पूछा कि ये तो इंग्लिश अखबार के फ्रंट पेज पर था, क्या आपने उन्हें भी एक कॉपी दी है? इस पर मुस्लिम याचिकाकर्ताओं की ओर से जवाब दिया गया कि सभी पक्षकारों की इसकी कॉपी दी गई है.

क्या था मुस्लिम पक्ष का मोल्डिंग ऑफ रिलीफ?

गौरतलब है कि मुस्लिम पक्ष की ओर से इससे पहले जब मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर नोट दिया गया था, तो कोई सवाल किए थे. इसमें कहा गया था कि कोर्ट का जो भी फैसला होगा, वो देश के भविष्य और आने वाली पीढ़ियों की सोच पर असर डालेगा. फैसला देश की आजादी और गणराज्य के बाद संवैधानिक मूल्यों में यकीन रखने वाले करोड़ों नागरिकों पर भी प्रभाव डालेगा.

Advertisement

क्या है मोल्डिंग ऑफ रिलीफ?

मोल्डिंग ऑफ रिलीफ का मतलब यह है कि याचिकाकर्ता ने जो मांग कोर्ट से की है अगर वो नहीं मिलती तो विकल्प क्या हो जो उसे दिया जा सके. इसे सांत्वना पुरस्कार की तरह भी समझा जा सकता है.

Haryana Result Live: 5 सीनियर मंत्री और BJP प्रदेश अध्यक्ष पिछड़े

बरसों से चले आ रहे इस केस की 6 अगस्त 2019 से सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई हुई, इस दौरान अदालत ने हफ्ते में पांच दिन इस मामले को सुना. करीब 40 दिन की लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला रिजर्व कर लिया है.

Live TV

Advertisement
Advertisement