राम मंदिर के भूमिपूजन से पहले अयोध्या पूरी तरह से सज चुकी है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस भव्य कार्यक्रम से पहले आजतक ने रामनगरी में धर्म संसद का आयोजन किया, जिसमें योग गुरु बाबा रामदेव ने भी शिरकत की. इस मौके पर बाबा रामदेव ने कहा कि राम हिंदू, मुसलमान सभी के हैं. उन्होंने कहा कि हम 400-500 साल पीछे जाएंगे तो पाएंगे सबके पूर्वज राम ही हैं. सबके डीएनए में राम हैं.
बाबा रामदेव ने कहा कि जिसका इंतजार सैकड़ों वर्षों से था वो पूरा हुआ है और अब भूमिपूजन होने जा रहा है. इस पावन अवसर पर हमको उपस्थित होने का भी सौभाग्य मिल रहा है. जो अयोध्या नहीं आ सके हैं वो अपने घरों में रहकर खुशियां मनाएंगे. क्योंकि राम तो सबके हैं.
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योग गुरु ने कहा कि राम हिंदुओं के भी हैं, मुसलमानों के भी हैं. 400 साल पीछे जाएंगे तो पाएंगे सबके पूर्वज तो राम ही हैं. सबके डीएनए में राम हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बयान पर उन्होंने कहा कि सबको बुद्धि दें भगवान. सब राम के प्रति आस्थावान हों, क्योंकि राम ही हमारे प्राण हैं. वो हमारे राष्ट्र हैं, हमारी मर्यादा हैं. राम से बड़ा चरित्र पूरी दुनिया में कौन हो सकता है. जिस भी चरित्र में हम राम को देखते हैं वो पूर्ण हैं.
भूमिपूजन पर रामदेव ने कहा कि कल एक नए युग का सूत्रपात होगा. राम मंदिर भी बनेगा और राम जैसा चरित्र हो राष्ट्र का, उसके लिए सब संकल्पित होंगे. कोरोना के कारण कार्यक्रम में कुछ लोग नहीं पहुंच पा रहे हैं. इसपर बाबा रामदेव ने कहा कि जो भी राम आंदोलन में शामिल थे उनका उद्देश्य कोई सत्ता, कोई सम्मेलन, कोई आमंत्रण नहीं था. सबका बस एक ही लक्ष्य था राम का भव्य मंदिर बने और वो बन रहा है.
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भूमिपूजन को इवेंट बनाने के आरोपों पर रामदेव ने कहा कि जहां राम होंगे वहां पर लोगों को आना होगा. कोई भी यहां पर राजनीतिक वजह से नहीं आ रहा है. लोग आस्था के कारण आ रहे हैं. कुछ लोगों ने राम के वजूद पर ही सवाल उठाए थे. राम को कोई राजनीतिक सीमाओं में नहीं बांध सकता.
बाबा रामदेव ने कहा कि बहुत सी राजनीतिक पार्टियां तो चाहती नहीं थीं कि राम मंदिर बने. ऐसे में उन्हें आमंत्रण किस बात का मिलता.
क्या राम को लेकर राजनीतिक बहस कल के बाद खत्म हो जाएगी और काशी, मथुरा पर चर्चा होगी. इसपर रामदेव ने कहा कि काशी और मथुरा पुण्यस्थान हैं. उनको भी गौरव हासिल होना चाहिए. भारत में ही सांस्कृतिक अतिक्रमण क्यों होता है. ये सिर्फ काशी और मथुरा की बात नहीं है. राम मंदिर के बाद देश आगे बढ़े, किसी प्रकार का शोषण नहीं हो. सिर्फ मंदिरों तक बात नहीं रहे. राष्ट्रधर्म की भी आराधना होनी चाहिए.