राम की नगरी अयोध्या सजकर पूरी तरह तैयार है और बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे. इस ऐतिहासिक मौके पर आज तक ने अयोध्या में धर्म संसद का आयोजन किया, जिसमें कई साधु-संतों ने अपनी राय रखी. इस दौरान अलग-अलग राजनीतिक पार्टी के प्रवक्ताओं ने भी अपने विचार प्रकट किए.
धर्म संसद के दौरान संतों ने राम मंदिर आंदोलन में कांग्रेस की भूमिका को लेकर तीखे सवाल उठाए. संतसभा के महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, 'अयोध्या की गलियों को आंदोलन के समय खून से लाल करने वाले मुलायम सिंह यादव का साथ कांग्रेस ने दिया है. ये सारा पाप क्या हिन्दू सभा और समाज भूल जाएगा. हमने इस आंदोलन को किसी की कृपा से सफल नहीं बनाया. कांग्रेस की कोई भी युक्ति काम नहीं आई लेकिन वो आज वो इसका क्रेडिट लेना चाहती है.'
ये भी पढ़ें: आलोक कुमार बोले- पूरे देश में मंदिर की स्वीकार्यता है, विरोध मुहूर्त को लेकर हुआ
वहीं राम मंदिर को लेकर विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा कि अगर कांग्रेस चाहती तो आज भक्त मंदिर के भवन में जाकर भगवान श्रीराम की पूजा कर रहे होते. 1949 से लेकर कई मौके आए जब कांग्रेस मंदिर का निर्माण शुरू करवा सकती थी लेकिन कांग्रेस ने हमेशा इस पर राजनीति कर सिर्फ इसे अपने फायदे के लिए टाला.
राम मंदिर आंदोलन में कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठाते हुई हनुमान गढ़ी के महंत राज दास ने कहा कि कांग्रेस ने गिरगिट जैसा रंग बदलना कब से सीख लिया. अभी तक कांग्रेस के लोग कहते थे भगवाधारी आतंकी हैं, राम का कोई अस्तित्व नहीं है. जब कांग्रेस नहीं लड़ पाती है तो बवाली संतों को लेकर बवाल करना शुरू कर देती है.
ये भी पढ़ें: धर्म संसद में बोले स्वामी अवधेशानंद- देश पंथ निरपेक्ष है, धर्म निरपेक्ष नहीं
उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसी न किसी तरह अब भी इस कार्यक्रम को विवादित बनाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस की ही देन है कि संत आज तक मंदिर के लिए परेशान है. मंदिर खैरात में नहीं मिला हमने लड़कर लिया है. कांग्रेस ने राम भक्तों को मरवाया है और सरकार का साथ दिया था.
काशी और मथुरा हिन्दुओं की है, इस पर कांग्रेस का क्या स्टैंड है? इस सवाल के जवाब पर कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी ने कहा कि काशी शिव की है शिव काशी के हैं उसी तरह मथुरा कृष्ण की है और कृष्ण मथुरा के हैं. इसमें किसी को कोई शक नहीं है.