अयोध्या विवाद पर उच्च न्यायालय के फैसले को टालने संबंधी याचिका शीर्ष अदालत द्वारा खारिज किये जाने के मददेनजर केन्द्र ने उत्तर प्रदेश सहित देश के हर राज्य को हाई एलर्ट पर रहने को कहा है.
केन्द्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने मंगलवार को देश के सुरक्षा हालात का जायजा लेने के बाद सभी संबद्ध पक्षों से शांति सुनिश्चित करने को कहा. सरकारी सूत्रों ने बताया, ‘ सोमवार रात राज्यों और संघशासित क्षेत्रों को एलर्ट की एडवाइजरी जारी की गयी थी. इसे आज दोहराया जाएगा.’
उन्होंने बताया कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए देश भर में 16 जगहों पर अतिरिक्त सुरक्षाबल तैयार रखे गये हैं जो दस मिनट के संक्षिप्त नोटिस पर विमानों के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर स्थिति संभाल सकेंगे. सूत्रों ने कहा कि कम से कम आठ स्थानों पर भारतीय वायुसेना के आईएल-76 और एएन-34 विमान तैयार हैं. इन आठ स्थानों में अहमदाबाद, कोयंबटूर और दिल्ली शामिल हैं.
उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश पर सबसे ज्यादा ध्यान केन्द्रित किया गया है. अन्य राज्यों से भी कहा गया है कि वे संवेदनशील जगहों पर विशेष एहतियात बरतें.’ सूत्रों ने कहा कि 30 सितंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ फैसला सुनाएगी और जो भी पक्ष फैसले से सहमत नहीं होगा, संभवत: उसी दिन मौखिक रूप से उच्चतम न्यायालय में अपील करने की अनुमति हासिल करेगा. {mospagebreak}
उन्होंने कहा कि यदि उच्चतम न्यायालय का यह फैसला 24 सितंबर को ही आ जाता तो बेहतर होता क्योंकि फैसला ऐसे समय में आया है, जब राष्ट्रमंडल खेल एकदम करीब हैं. इस बीच चिदंबरम सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने के बाद मंत्रालय स्थित नियंत्रण कक्ष और एकीकृत परिचालन केन्द्र भी गये और वहां का संचालन देखा. सुरक्षा संबंधी इस बैठक में गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी और खुफिया एजेंसियों के प्रमुख शामिल हुए. गृह मंत्रालय ने देश भर में 32 संवेदनशील जगहों की पहचान की है.
उत्तर प्रदेश के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और केरल को विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है. पहचानी गयी संवेदनशील जगहों में से कम से कम चार से पांच उत्तर प्रदेश में हैं. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए गृह मंत्रालय ने आपात योजना पहले ही तैयार कर रखी है.
स्थिति से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अर्धसैनिक बलों के 63 हजार जवानों की मांग की थी लेकिन केन्द्र सरकार ने उसे त्वरित कार्रवाई बल सहित 52 कंपनियां मुहैया करायी हैं. एक कंपनी में लगभग सौ जवान होते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने हालांकि इतनी कम संख्या में कंपनियां दिये जाने पर असंतोष जताया है.