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अयोध्या पर फैसले को लेकर 17 नवंबर को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर 17 नवंबर को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक होगी. सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि इस बैठक में मुस्लिम पक्ष चर्चा करेगा कि उन्हें अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी है या नहीं.

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सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी (फाइल फोट)
सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी (फाइल फोट)

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  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर बनने का रास्ता साफ
  • जिलानी बोले- फैसला का सम्मान करते हैं, लेकिन संतुष्ट नहीं

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर 17 नवंबर को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक होगी. सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि इस बैठक में मुस्लिम पक्ष चर्चा करेगा कि उन्हें अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी है या नहीं.

दरअसल, कोर्ट के फैसले के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा था कि वह फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन इससे संतुष्ट नहीं हैं. जिससे संकेत मिल रहे थे कि सुन्नी वक्फ बोर्ड फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकता है. इसी के मंथन के लिए 17 नवंबर को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक होगी.

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इकबाल अंसारी ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से किया इनकार

एक तरफ अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी पहले ही कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से इनकार कर चुके हैं, तो वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने आईएएनएस से कहा कि पूरे मुल्क में जिस तरह से इतने बड़ा फैसला आने के बावजूद किसी प्रकार की कोई वारदात नहीं हुई, इससे संदेश मिलता है कि तमाम हिन्दुस्तानी चाहते हैं कि अब मंदिर-मस्जिद मुद्दे से आगे की बात होनी चाहिए.

अयोध्या मामले पर फैसले के बाद शांति बरकरार

मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सदियों पुराना मसला खत्म कर दिया गया है. अब इस मुद्दे पर किसी राजनीतिक व्यक्ति की सियासत के लिए कोई जगह बची नहीं है. जिस प्रकार से अवाम द्वारा लगातार शांति बरकार है, इससे उन लोगों को संदेश मिल गया होगा जो इस पर सियासत करते हैं.

5 एकड़ जमीन पर मुस्लिम वक्फ बोर्ड करेगा फैसला

उन्होंने इस मामले में पुनर्विचार याचिका डाले जाने पर कहा कि अब इस मुद्दे को यहीं खत्म कर देना चाहिए. पांच एकड़ जमीन पर क्या होना चाहिए इसका फैसला मुस्लिम वक्फ बोर्ड को करना है. अयोध्या मामले में बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला किया है हम उसका सम्मान करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने हमें पांच एकड़ जमीन दी है, उस जमीन का क्या करना है यह हम तय करेंगे.

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ओवैसी बोले- नहीं चाहिए 5 एकड़ जमीन की खैरात

वहीं एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि मैं कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हूं. उन्होंने कहा कि हम अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं, हमें मस्जिद के लिए खैरात के रूप में पांच एकड़ जमीन नहीं चाहिए. हमें इस पांच एकड़ जमीन के प्रस्ताव को खारिज कर देना चाहिए.

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