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दंगे की आग ठंडी करेंगे मुलायम के दूत, आजम का नाम नदारद

मुजफ्फरनगर दंगे की आग में झुलस चुकी समाजवादी पार्टी 'सपा' की गाड़ी को फिर से पटरी पर लाने की कमान पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने संभाल ली है. मुलायम सिंह ने 10 मंत्रियों की एक टीम की घोषणा की जो मुजफ्फरनगर-शामली में सांप्रदायिक हिंसा से पनपी कड़वाहट को दूर करने का प्रयास करेंगे.

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आजम खान
आजम खान

मुजफ्फरनगर दंगे की आग में झुलस चुकी समाजवादी पार्टी 'सपा' की गाड़ी को फिर से पटरी पर लाने की कमान पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने संभाल ली है. 28 सितंबर को अचानक मुलायम सिंह ने विशेष विमान भेजकर पश्चिमी यूपी के कुछ मौलाना और उलेमा को लखनऊ बुलाकर उनसे बातचीत की. इनसे मिली सलाह के बाद देर शाम मुलायम सिंह ने 10 मंत्रियों की एक टीम की घोषणा की जो मुजफ्फरनगर-शामली में सांप्रदायिक हिंसा से पनपी कड़वाहट को दूर करने का प्रयास करेंगे.

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खासबात यह है कि अखिलेश यादव सरकार में लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव की अध्यक्षता में बनी इस टीम में सरकार के वरिष्ठतम कैबिनेट मंत्री और मुजफ्फरनगर जिले के प्रभारी आजम खान को शामिल नहीं किया गया है. मुलायम के इन दूतों के कुनबे में कैबिनेट मंत्री राम गोविंद चौधरी, बलरामसिंह यादव, राज्य मंत्री शाहिद मंजूर, योगेश प्रताप सिंह, इकबाल महमूद, महबूब अली, चितरंजन स्वरूप के अलावा मंत्री का दर्जा पाए वीरेंद्र सिंह और साहब सिंह को रखा गया है. ये सभी मंत्री दंगा पीडि़त इलाकों में गांव-गांव जाकर सौहार्द और भाईचारे का माहौल बनाने का काम करेंगे.

मुस्लिम धर्मगुरुओं से बातचीत में यह बात उभर कर सामने आई है कि गांवों से पलायन कर चुके लोगों को वापसी कराकर उनके बीच भय खत्म किया जाए ताकि वे चैन से रह सकें. इसके लिए जहां जरूरी हो वहां पर पुलिस सुरक्षा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करवाने का जिम्मा भी इन मंत्रियों का होगा. उधर, कमेटी में कई ऐसे मंत्री शामिल हैं जिनका आजम खान से रिश्ते बहुत अच्छे नहीं माने जाते हैं. ऐसा समझा जा रहा है कि मुजफ्फरनगर हिंसा में आजम का नाम आने के बाद सपा उन्हें आगे नहीं करना चाहती.

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