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रामदेव नहीं समझते चुनाव का असली मतलब: प्रियंका गांधी

यूपी में चुनाव प्रचार चल रहे हैं और सूबे की लड़ाई इतनी जबरदस्त है कि ये सियासी होते-होते कई बार निजी भी दिखाई पड़ने लगी है. ये चलन तब और तेज हो गया, जबकि मैदान में प्रियंका गांधी उतर पड़ीं.

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प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी

यूपी में चुनाव प्रचार चल रहे हैं और सूबे की लड़ाई इतनी जबरदस्त है कि ये सियासी होते-होते कई बार निजी भी दिखाई पड़ने लगी है. ये चलन तब और तेज हो गया, जबकि मैदान में प्रियंका गांधी उतर पड़ीं.

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रविवार को रामदेव ने इस बात को मुद्दा बना लिया कि प्रियंका गांधी के मंच पर उनके बच्चे क्यों दिखाई पड़ रहे हैं और इसी का जवाब बड़े ही सधे हुए अंदाज में प्रियंका गांधी ने सोमवार को दिया. प्रियंका गांधी ने कहा कि जो लोग प्रचार के दौरान निजी आरोप-प्रत्यारोप पर उतर आए हैं. वे दरअसल, चुनावी मुद्दों को नहीं समझते हैं.

आइए अब आपको बताते हैं कि बात शुरू कहां हुई. यूपी में प्रियंका गांधी के बच्चों को मंच पर लेकर आने को स्वामी रामदेव ने चुनावी मुद्दा बना दिया है.

कानपुर में एक जनसभा में रामदेव ने प्रियंका गांधी को जवाब देने के लिए मंच पर कुछ गरीब बच्चों लेकर आ गए. रामदेव ने हांलाकि मंच पर एक बार भी प्रियंका और राहुल का नाम नहीं लिया मगर इशारों में राहुल को ड्रामेबाज और प्रियंका को बेशर्म करार दिया.

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बच्चों को मंच पर लाकर रामदेव ने राहुल गांधी के दलितों के घर में जाकर खाना खाने के मुद्दे का भी मजाक बनाया.

राहुल गांधी का मजाक उड़ाते हुए रामदेव ने कहा था कि मैंने इन्हें बादाम की बर्फी खिलाई है डिब्बा भी दे दिया है. मैं इनके घर क्यों खाना खाने जाउं. मैं तो इन्हें खिलाता हूं खाता नहीं.

यूपी में कांग्रेस के खिलाफ अभियान चला रहे रामदेव के लिए पहला मौका है जब प्रियंका और राहुल पर सीधे-सीधे निशाना साधा. शायद इसकी एक वजह ये भी थी कि पिछले दिनों राहुल गांधी ने खुले तौर पर एक सभा में आरोप लगाया था कि रामदेव उनकी सभा में लोगों को काले झंडे लेकर भेजते है.

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