बाबा रामदेव ने 'पुत्रजीवक बीज' नाम की औषधि पर चल रहे विवाद के बीच 'आज तक' पर टक्कर में बताया कि एक साल में लगभग 17 लाख रुपये की उनकी यह बूटी बिकी और इससे उन्होंने मुश्किल से 17 हजार रुपये कमाए होंगे. इस कार्यक्रम में रामदेव ने जेडीयू नेता केसी त्यागी के आरोपों का जवाब दिया.
बाबा रामदेव ने बेटा पैदा करने की दवाई बेचने के आरोप को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वालों को दवाई की जानकारी नहीं है. यह सिर्फ एक वनस्पति का नाम है और इसका बेटा या बेटी पैदा करने से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाले उन पर लांछन लगाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पतंजलि योगपीठ और दिव्य भारती की ओर से जो 'पुत्रजीवक बीज' नाम से औषधि दी जा रही है, इसमें कहीं नहीं लिखा है कि यह लड़का पैदा करने में उपयोगी है और कुछ लोग फकीर के सहारे वजीर को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.
Botanical name of this medicine is ‘Putranjiva roxburghii’,it’s called ‘Putrajivak’ in Hindi,Gujarati, Kannada:Ramdev pic.twitter.com/VW1j3LxczM
— ANI (@ANI_news) May 1, 2015
रामदेव ने दवाई का बॉटैनिकल नाम भी पढ़कर सुनाया और कहा कि कई भाषाओं में इस क्षेत्रीय दवाई का नाम 'पुत्रजीवक' या इससे मिलता-जुलता है. दवाई का लाइसेंस नंबर दिखाते हुए उन्होंने कहा, 'यह इसका लाइसेंस नंबर है. यह कोई गैरकानूनी काम नहीं है.'उन्होंने कहा कि दवाई के नाम का गलत मतलब निकाले जाने का यह पहला मामला नहीं है और पहले भी उन पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने कहा, 'पहले भी इस तरह के विवाद पैदा किए गए कि बाबा गाय के दांत की भस्म बना रहा है. दवा का नाम था, 'गोदंती भस्म'. अब उन्होंने गोदंती का अनुवाद कर दिया. कल को कोई कहेगा कि अश्वगंधा बेचकर बाबा घोड़ा पीटकर पिला रहा है. 'सर्पगंधा' पर कहेगा कि सांप पीटकर पिला दिया.'
गौरतलब है कि जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने राज्यसभा में गुरुवार को यह मुद्दा उठाया था. बाबा रामदेव ने केसी त्यागी को माफी मांगने के लिए कहा. उन्होंने कहा, 'यह संवैधानिक पाप है. संसद में झूठ बोलना अपराध है. माननीय त्यागी जी झूठ बोलने का काम कर रहे हैं. उन सबको शर्म करनी चाहिए और देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए.'
रामदेव ने कहा कि यह किसी न किसी बहाने प्रधानमंत्री मोदी को बदनाम करने की कोशिश है. उन्होंने कहा, 'समस्या क्या है कि एक तरफ है वजीर हैं आदरणीय नरेंद्र मोदी जी और दूसरी तरफ है फकीर बाबा रामदेव. तो वजीर पर तो वश है नहीं, इसलिए फकीर को बदनाम करने और फकीर के जरिये वजीर को बदनाम करने में लगे हैं.' अपने बेबाक बोल के लिए मशहूर रामदेव यहां तक कह गए, 'दोनों (फकीर-वजीर) को बेटा पैदा करने से क्या लेना-देना. उन्हें न बेटी पैदा करनी, न बेटा पैदा करना.'
रामदेव ने कहा, 'हम पत्रकारों को हर भाषा में इस औषधि का नाम मुहैया करा रहे हैं. ये लोग ज्यादा गलतफहमियां फैलाएंगे तो हम इस पर एक लाइन और लिखवा देंगे कि इसका पुत्र या पुत्री की प्राप्ति से कोई संबंध नहीं है.'
दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में रामदेव ने कहा, 'पिछले एक साल में मैंने ये दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. पहले हर महीने मुझे यहां बैठना पड़ता था. देश की संसद में मुद्दा उठाना चाहिए महंगाई, दलितों, पिछड़ों, शिक्षा, किसानों, अर्थव्यवस्था और सामाजिक न्याय का, आपदा प्रबंधन का. लेकिन शर्मनाक बात है कि झूठ बोला जा रहा है.'