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रामदेव की सीताराम येचुरी को नसीहत, अपना नाम रावण रख लें

बाबा रामदेव ने कहा कम्युनिस्टों ने अपने विचार फैलाने के लिए पूरी दुनिया में हत्याएं की हैं. पूरी दुनिया में ईसाईयों के विस्तार के लिए 30 करोड़ से ज्यादा लोगों की हत्याएं की है. मुगलों ने अपने साम्राज्य के विस्तार के लिए 10 करोड़ से ज्यादा लोगों की हत्याएं की हैं. हिंदू सहिष्णु होता है इसलिए हमें कोई भी कुछ कह देता है.

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सीताराम येचुरी पर बाबा रामदेव का पलटवार
सीताराम येचुरी पर बाबा रामदेव का पलटवार

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सीताराम येचुरी के हिंदू हिंसक वाले बयान पर योगगुरु बाबा रामदेव ने पलटवार किया है. बाबा रामदेव ने कहा कि सीताराम येचुरी को अपना नाम रावण रख लेना चाहिए. हमारे पूर्वजों ने क्रूरता नहीं वीरता के कार्य किए हैं, पूरे देश में इसके खिलाफ FIR दर्ज होनी चाहिए.

आजतक से खास बातचीत के दौरान बाबा रामदेव ने कहा 'कम्युनिस्टों ने अपने विचार फैलाने के लिए पूरी दुनिया में हत्याएं की हैं. पूरी दुनिया में ईसाईयों के विस्तार के लिए 30 करोड़ से ज्यादा लोगों की हत्याएं की है. मुगलों ने अपने साम्राज्य के विस्तार के लिए 10 करोड़ से ज्यादा लोगों की हत्याएं की हैं. हिंदू सहिष्णु होता है इसलिए हमें कोई भी कुछ कह देता है.

सवाल- क्या हिंदुओं ने गद्दी हासिल करने के लिए हत्याएं नहीं की?

जवाब- व्यक्ति के भीतर हिंसा होना उसका प्राकृतिक स्वभाव है. सभी समाज में हिंसक लोग होते हैं. चुनाव आयोग को सीतराम येचुरी का नामांकन रद्द कर देना चाहिए. इन्हें जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए. किसी भी हिंसा का, आतंक का कोई धर्म नहीं होता. यह व्यक्ति के भीतर की विकृति है. मैं किसी चुनाव प्रचार के लिए नहीं आया हूं. मैं अपने विचारों की रक्षा के लिए सामने आया हूं. मैं आदर्शों पर चलने वाला व्यक्ति हूं. मैंने मूल ग्रंथों को पढ़ा है कि इनमें कहीं भी हिंसा का जिक्र नहीं है. हमारी सभ्यता संस्कृति को कोई गाली देगा तो हम उसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे.

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सवाल- आपकी बातों से ध्रुवीकरण नहीं होगा?

जवाब- मैं किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के खिलाफ हूं. मैं जाति, धर्म के आधार पर होने वाले ध्रुवीकरण के सख्त खिलाफ हूं. मैंने कभी जाति नहीं मानी है. किसी भी प्रकार का ध्रुवीकरण देश के लिए खतरनाक है.

सवाल- आपने सीताराम येचुरी को कहा कि नाम बदलकर अहमद शाह कर लेना चाहिए, क्या यह सही है ?

जवाब- कम्युनिस्ट भगवान को नहीं मानते हैं, लेकिन इन्होंने अपना नाम 'सीताराम' रख लिया. मैंने कहा अगर आप सच में रामायण, महाभारत को काल्पनिक मानते हो तो ये नाम क्यों रखा है?, लेकिन इन कम्युनिस्टों को सीता-राम का नाम आते ही नाराजगी क्यों होती है?

सवाल- चार चरणों के चुनाव के बाद आपकी एंट्री हो रही है,क्यों?

जवाब- मैं किसी राजनीतिक प्रचार के लिए नहीं आया हूं. मैं कम्युनिस्ट भाइयों से कहने आया हूं कि राजनीतिक विचारधारा कहीं से भी लो, लेकिन सांस्कृतिक विचारधारा तो अपने पूर्वजों से लो.

सवाल- साध्वी प्रज्ञा के लिए क्या प्रचार करेंगे?

जवाब- देश के करोड़ों लोगों के लिए मैं हमेशा खड़ा हूं, जो भी देश के लोगों को के लिए अच्छा होगा वो मैं करूंगा.

सवाल- काले धन की लड़ाई खत्म हो गई?

जवाब- कालाधन, भ्रष्टाचार, स्वदेशी तक सब जगह जो गुलामी है, मैं इन सबके खिलाफ हूं. पहले भी वही विचार थे आज भी मेरे यही विचार हैं. कोई देश को तोड़ने की बात करेगा तो मैं उसे बर्दाश्त नहीं करूंगा. मैं किसी राजनीतिक मंशा को लेकर नहीं आया हूं. मैं अपने पूर्वजों को अपना भगवान मानता हूं. मैं अपने धर्म के लिए आगे आया हूं.

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सवाल- इस सरकार के आगे काले धन की बात करते हुए बाबा रामदेव डरते हैं?

जवाब- अभी भी कालाधन मुद्दा है. 40-60 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनका जीवन बेहतर बनाने की आवश्यकता है. सब लोगों को दो-दो हाथ आगे करने पड़ेंगे. मैं कभी भी विभाजन वाली सोच से सहमत नहीं हूं. राष्ट्र को जो आगे लेकर जाएगा मैं हमेशा उनके साथ हूं. मोदी जी का जो नेतृत्व है वो हिमालय जैसा है. ये सच्चाई है मैं कोई भक्त नहीं हूं.

गौरतलब है कि शुक्रवार को सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा था कि रामायण और महाभारत भी लड़ाई और हिंसा से भरी हुई थीं, लेकिन एक प्रचारक के तौर आप सिर्फ महाकाव्य के तौर पर उसे बताते हैं, उसके बाद भी दावा करते हैं कि हिंदू हिंसक नहीं है. इस बयान के बाद सियासत गर्मा गई है. बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने भी बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि जो हिंदुओं को जितनी गाली देता है वह उतना ज्यादा सेक्युलर कहलाता है.

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