सीबीआई की विशेष अदालत अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराने के षड्यंत्र के मामले में अब 30 मई को आरोप तय करेगी. लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में गुरुवार को हुई सुनवाई में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा तथा विष्णु हरि डालमिया को 30 मई को होने वाली अगली सुनवाई में अनिवार्य रूप से मौजूद रहने का आदेश दिया है.
इन सभी नेताओं पर 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिराने के षड्यंत्र में शामिल होने के आरोप है. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट से इस मामले में आरोपियों के खिलाफ षड्यंत्र के आरोप भी जोड़ने के आदेश दिए थे.
अयोध्या में 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के बाद दो FIR दर्ज की गई थीं. तब सीबीआई ने जांच के बाद 49 लोगों के खिलाफ चार्जशीट तैयार किए थे, लेकिन 13 आरोपी मुकदमा शुरू होने से पहले ही बरी हो गए. वहीं इस मामले में आरोपी रहे अशोक सिंघल और गिरिराज किशोर का पहले ही निधन हो चुका है.
सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को रायबरेली की अदालत से मामला लखनऊ की अदालत में ट्रांसफर करने का आदेश दिया और कहा था कि वह महीने भर में मामले की सुनवाई शुरू करे और दो साल में फैसला सुनाए.