कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी 59 दिनों के अज्ञातवास के बाद शुक्रवार से अपनी सियासी पारी को आगे बढ़ाएंगे. 19 अप्रैल की मेगा किसान रैली की तैयारी के लिए राहुल पार्टी सचिवों के साथ बैठक कर सकते हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ने कहा कि राहुल को कांग्रेस के उन वरिष्ठ नेताओं से मिलने में कोई परहेज नहीं है जिन्होंने उनके नेतृत्व को लेकर अपनी आपत्तियां जतायी हैं. ट्विटर पर बना राहुल गांधी का 'मजाक'
पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल कांग्रेस के नेताओं और मीडिया, दोनों से बात करेंगे साथ ही उन्हें अपना दृष्टिकोण एवं नजरिया बताएंगे. हालांकि पार्टी ने उन जगहों के नाम बताने से इनकार कर दिया जहां राहुल अपने अवकाश के दिनों गए थे. पार्टी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है. ऐसी अटकलें थी कि राहुल म्यामांर में थे.
जल्द राहुल बनेंगे पार्टी प्रमुख?
राहुल को जल्द पार्टी प्रमुख बनाए जाने को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच पार्टी ने बताया कि कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद जल्द एआईसीसी का सत्र होगा. सुरजेवाला से यह सवाल किया गया कि क्या राहुल अमरिन्दर सिंह, शीला दीक्षित और संदीप दीक्षित जैसे नेताओं से मिलने को तैयार हैं जिन्होंने सोनिया गांधी के पार्टी प्रमुख बने रहने की जरूरत को उजागर किया और राहुल के शीर्ष पद पर बैठने को लेकर आपत्ति जतायी थी.
इस पर सुरजेवाला ने कहा, ‘राहुलजी, काफी अनुभवी, परिपक्व नेता हैं और उनसे मिलने आने वाले हर कांग्रेसजन का स्वागत है. राहुलजी, हर उस किसी व्यक्ति से मिलने को हमेशा तैयार रहते हैं जो उनसे मिलना चाहते हैं.’
19 अप्रैल को होगी किसान रैली
सवालों के जवाब में सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस 19 अप्रैल को किसान रैली के साथ भूमि अधिग्रणह विधेयक पर अपना आंदोलन तेज करेगी. इसी बीच लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता अमरिन्दर सिंह ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी सरकार को किसानों के अनुकूल भूमि अधिग्रहण कानून में किसी तरह बदलाव नहीं करने देगी जिससे कॉरपरेट समूह भूमि अधिग्रहण कर सके.
पार्टी के नेताओं पंजाब के मौजूदा और पूर्व विधायकों तथा जाट महासभा के पदाधिकारियों के साथ हुई कई बैठकों में सिंह ने उनसे अपील की कि दिल्ली में होने वाली कांग्रेस की किसान रेली में अधिकतम भागीदारी हो. इसी बीच, कांग्रेस के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने सोनिया गांधी को पार्टी के शीर्ष पद पर कायम रखने के अपने रुख पर कायम रहते हुए कहा कि इस समय बदलाव से मतभेद और चुनावी रूप से कमजोर हुई पार्टी को फिर से मजबूत करने में विलंब होगा.
'सोनिया गांधी ही करें कांग्रेस का नेतृत्व'
सोनिया गांधी के नेतृत्व की सराहना करते हुए उन्होंने आयु के मुद्दे को अधिक तवज्जो नहीं दी और कहा कि मानसिक दक्षता और विचारों की दक्षता महत्वपूर्ण होती है. दीक्षित ने कहा, फिलहाल हमें अनुभव वाले किसी व्यक्ति की जरूरत है. किसी नए व्यक्ति को पार्टी को नियंत्रण में लेने में समय लगेगा. उन्होंने कहा कि नया नेतृत्व लाने के विचार पर तब गौर किया जा सकता है जब पार्टी को यह लगने लगे कि वह मजबूती की राह पर है. उन्होंने कहा कि सोनिया ऐसी व्यक्ति है जो मुद्दों को महसूस कर लेती हैं और जानती हैं कि किसी विशिष्ट स्थिति में कौन सा खास रुख अपनाना चाहिए.