पश्चिम बगदाद में रविवार को सेना के एक दफ्तर में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट कर 43 लोगों की जान ले ली. रक्षा और आंतरिक मंत्रालय के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि अल.कायदा रोधी जवान अपना वेतन लेने के लिए दफ्तर में आये हुए थे.
अधिकारियों के मुताबिक स्थानीय समयानुसार सुबह साढ़े आठ बजे हुए हमले में 40 अन्य लोग जख्मी हो गये. आतंरिक मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि हमलावर इराक की राजधानी से 25 किलोमीटर दूर रादवानिया के अल बलासिम में घुस आया. मारे गये अधिकतर लोग सहवा लड़ाके थे, जो एक सुन्नी अरब मिलीशिया के सदस्य थे.
इस मिलीशिया को ‘सन्स ऑफ इराक’ के नाम से जाना जाता है. कबायली लोगों और पूर्व उग्रवादियों से मिलकर बने इस बल को इराक में अल.कायदा के खिलाफ जंग को तेज करने का श्रेय जाता है. सहवा का नियंत्रण 2008 में इराक के पास चला गया और शिया नीत सरकार अकसर उनका वेतन देरी से देती है. जिसे अमेरिकी नेतृत्व के समय के 300 डॉलर से घटाकर 100 डॉलर कर दिया गया.
बगदाद ने सहवा बल के 20 प्रतिशत जवानों को पुलिस और सैन्य सेवाओं में तथा शेष के लिए प्रशासनिक सेवाओं में जगह खोजने का दावा किया था लेकिन यह प्रक्रिया बहुत धीमी रही है. पिछले छह महीनों में उग्रवादियों की तरफ से बदले में किये गये हमलों में कई सहवा लड़ाके और उनके परिवारों के सदस्य मारे गये.