उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने पिछले विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी में शामिल हुए बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और उनके भाई पूर्व सांसद अफजल अंसारी को आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहने के आरोप में पार्टी से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है.
बसपा प्रवक्ता ने शुक्रवार को जारी विज्ञप्ति में कहा कि बसपा मुखिया मायावती ने पार्टी में शामिल किये जाने के लिए दोनो भाईयो का आग्रह इस शर्त पर स्वीकार किया था कि वे अब पार्टी की नीतियों के अनुसार अनुशासित कार्यकर्ता के रुप में काम करेंगे और आपराधिक गतिविधियों से दूर रहेंगे.
प्रवक्ता ने बताया कि मगर यह पाये जाने के बाद कि दोनो अब भी आपराधिक गतिविधियों मे लिप्त है, पार्टी मुखिया ने दोनो को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया है. बसपा प्रवक्ता ने यह भी बताया है कि पार्टी मुख्तार अंसारी के एक और भाई तथा गाजीपुर जिले की मुहम्मदाबाद क्षेत्र से सपा विधायक सिबगतुल्ला अंसारी से भी कोई संबंध नहीं रखना चाहती जिन्होंने स्वयं अपनी तरफ से बसपा सरकार को समर्थन देने की घोषणा की थी.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 में मऊ विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक के रूप में चुने गये मुख्तार अंसारी ने चुनाव बाद अपने भाई अफजल अंसारी के साथ बसपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी और पिछले वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में वे वाराणसी लोकसभा सीट से बसपा के उम्मीदवार भी थे.
प्रवक्ता ने बताया कि बसपा मुखिया ने विधानसभा चुनाव के बाद आपराधिक पृष्ठभूमि होने के बावजूद दूसरे दलो को छोड़कर कई निर्दलीय विधायकों और सांसदो को इस शर्त के साथ पार्टी में शामिल किया था कि वे अपने में सुधार लाने के लिए मिल रहे मौके का फायदा उठायेगे और पार्टी की नीतियों एवं कार्यक्रमो पर अनुशासित कार्यकर्ता की तरह अमल करेगे.
बसपा प्रवक्ता ने बताया कि पिछले दिनों गाजीपुर जिला प्रशासन द्वारा गाजीपुर जिला जेल में मारे गये छापे में वहां बंद विधायक मुख्तार अंसारी के बैरक से अनेक आपत्तिजनक वस्तुओं की बरामदगी के बाद पार्टी मुखिया मायावती इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि अंसारी अब भी आपराधिक गतिविधियो में लिप्त हैं और उन्होंने दल में शामिल किये जाने की शर्तो को पूरा नही किया है, इसलिए उन्हें तथा उनके भाई को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.