उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के फर्रुखाबाद से पूर्व विधायक लुईस खुर्शीद की अग्रिम जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद पर गबन का आरोप है.
13 जून 2017 को आर्थिक अपराध शाखा ने उनके खिलाफ गबन का केस दर्ज कराया था. उनपर 15 फरवरी 2010 में विकलांगों के उपकरण में गबन का आरोप है. डॉ जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट भी कार्रवाई के घेरे में है. लुईस खुर्शीद ट्रस्ट में प्रशासनिक पद पर थीं. शुक्रवार को उनकी अग्रिम जमानत पर सुनवाई हुई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.
गौरतलब है कि पूर्व विधायक लुईस 76 लाख रुपये के दिव्यांग उपकरणों के वितरण में हुए घोटाले में जांच के घेरे में हैं. इस मामले की जांच सीबीसीआईडी कर रही है और लुईस पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. गिरफ्तारी से बचने के लिए लुईस ने हाईकोर्ट की शरण ली थी, लेकिन हाईकोर्ट ने राहत देने से इनकार करते हुए पहले निचली अदालतों में जाने को कहा था.
क्या है पूरा मामला?
केंद्र सरकार ने डॉक्टर जाकिर हुसैन ट्रस्ट को दिव्यांगों में आवश्यक उपकरण वितरित करने के लिए 71.50 लाख रुपये दिए थे. इसमें घोटाले का आरोप लगा तो सन 2011 में केंद्र सरकार से पत्र मिलने पर राज्य सरकार ने जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी. जांच में धांधली उजागर हुई और 17 जिलों में रिपोर्ट दर्ज हुई थी. लुईस इस ट्रस्ट की संचालक हैं. सीबीसीआईडी ने इस मामले में जो चार्जशीट कोर्ट में दायर की है, उसमें भी लुईस का नाम है.