राजद्रोह के आरोप में फंसे पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह की अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को रोहतक कोर्ट ने खारिज कर दी. दूसरी ओर, सूरत कोर्ट ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के अगुवा रहे हार्दिक पटेल की भी जमानत याचिका खारिज कर दी है.
प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह पर हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने और भीड़ को उकसाने का आरोप है. रोहतक पुलिस ने हुड्डा के करीबी वीरेंद्र और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ राजद्रोह के आरोप में 24 फरवरी को मामला दर्ज किया था. उससे पहले सोशल मीडिया पर 90 सेंकेंड का एक ऑडियो सामने आया था, जिसमें वीरेंद्र कांग्रेस नेता मान सिंह के साथ बातचीत करते हुए सुने गए. दोनों जाट आंदोलन के दौरान कथित रूप से हिंसा भड़काने की बात कर रहे थे.
दोनों पर लगीं विभिन्न धाराएं
वीरेंद्र सिंह और मान सिंह के खिलाफ धारा 124-ए (राजद्रोह), धारा 120-बी (साजिश), धारा 153-ए (वर्गों के बीच वैमनस्यता फैलाना), आदि समेत आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत रोहतक में एफआईआर दर्ज की गई थी.
जेल में बंद हैं हार्दिक पटेल
सूरत कोर्ट ने राजद्रोह मामले में हार्दिक पटेल की जमानत याचिका खारिज कर दी. याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने 24 पेज का निर्णय सुनाया. कोर्ट ने कहा कि हार्दिक को जमानत देने से लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति पर असर पड़ सकता है.
बता दें कि हार्दिक राजद्रोह के दो मामलों में सितंबर से लाजपोरे जेल में बंद हैं.