दिल्ली की एक कोर्ट ने आपराधिक मानहानि के केस में पेश नहीं होने पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ शनिवार को जमानती वारंट जारी कर दिया. हालांकि बाद में दिग्विजय सिंह के पेश हो जाने के बाद कोर्ट ने वारंट रद्द भी कर दिया. बीजेपी नेता नितिन गडकरी ने उनके खिलाफ मानहानि का केस दायर कर रखा है. सोनिया गांधी से कांग्रेस की कमान लें राहुल: दिग्विजय सिंह
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी को भी 10 नवंबर को उपस्थित रहने का निर्देश दिया और आगाह किया कि अगर वह उस दिन उपस्थित नहीं हुए तो उनका मामला खारिज कर दिया जाएगा.
गडकरी ने यह मामला 2012 में दायर किया था. दिग्विजय सिंह ने उन पर आरोप लगाया था कि उनके तत्कालीन सांसद अजय संचेती से व्यावसायिक संबंध हैं. कोर्ट ने सिंह के वकील द्वारा अपने मुवक्किल के लिए व्यक्तिगत पेशी से छूट मांगे जाने के बाद कांग्रेस नेता के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया.
सिंह के इस आग्रह का गडकरी के वकीलों-अजय दिगपॉल और बालेंदु शेखर ने विरोध किया. मजिस्ट्रेट ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए मामले की सुनवाई 10 नवंबर 2014 तक के लिए स्थगित कर दी.
कोर्ट ने कहा, ‘‘शिकायतकर्ता (गडकरी) को निर्देश दिया जाता है कि वह अगली सुनवाई की तारीख को व्यक्तिगत रूप से पेश हों, ऐसा नहीं होने पर शिकायत खारिज कर दी जाएगी.’
इनपुटः भाषा से