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पाकिस्तानी सेना और पत्थरबाजो के खिलाफ बजरंग दल का देशभर में प्रदर्शन

पाकिस्तान द्वारा भारतीय जवानों के शव क्षत़-विक्षत करने व कश्मीर घाटी में पत्थरबाजो के खिलाफ बजरंग दल में आज देशभर में प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा

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बजरंग दल ने किया देशभर में प्रदर्शन
बजरंग दल ने किया देशभर में प्रदर्शन

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पाकिस्तान द्वारा भारतीय जवानों के शव क्षत-विक्षत करने व कश्मीर घाटी में पत्थरबाजों के खिलाफ बजरंग दल ने मंगलवार को देशभर में प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा. बजरंगदल ने देशभर में प्रदर्शन कर कश्मीर घाटी में जवानों पर हो रही पत्थरबाजी के प्रति नाराजगी व्यक्त की. बजरंग दल ने पाकिस्तान द्वारा हमारे जवानों के शवो के साथ मेंढर में जो द्व्यवहार किया गया है, उसको लेकर भी आक्रोश था.

पाकिस्तानी सेना का दुस्साहस
कश्मीर घाटी में पत्थरबाजों के सुरक्षा बालों पर लगातार हो रहे हमलों तथा उन्हें पनाह दे रहे उनके समर्थकों के विरुद्ध बजरंग दल ने  राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन किया. देश के लगभग हर जिले में हुए इन विरोध प्रदर्शनों में बजरंग दल के साथ विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने भी हिस्सा लिया. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को एक ज्ञापन भी दिया गया.

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जंतर मंतर पर प्रदर्शन के दौरान बजरंग दल के संयोजक मनोज वर्मा ने कहा कि कश्मीर में हमारे जवानों के साथ जो व्यवहार किया जा रहा है. उसके प्रति लोगों में काफी नाराजगी है. बजरंग दल का कहना है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी,उन्हें कवर देने वाले पत्थरबाज तथा उनके समर्थक तथा-कथित मानवाधिकारवादी सभी मिले हुए है. इन सबके साथ एक जैसा ही सुलूक किया जाना चाहिए. हमारे सुरक्षाबलों पर हमला करने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन को बजरंगदल एक ही दृष्टि से देखता है. छत्तीसगढ़ के सुकमा तथा कश्मीर घाटी में हुए शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए बजरंगदल प्रमुख ने कहा कि अब बहुत हो चुका. देश का नौजबान सिर्फ प्रति-उत्तर की प्रतीक्षा में है.

उन्होंने माग की कि इन सभी देश द्रोहियों को बोली की नहीं, सिर्फ गोली की भाषा ही समझ आती है.अब पत्थर का जबाब गोली से दिया जाना आवश्यक है. देश भर मैं प्रदर्शन के दौरान बजरंग दल का कहना था कि पाकिस्तान ने भारतीय सैनिकों के साथ जो कायराना हरकत की है. उससे पूरे देश में गुस्सा है और भारत के जनमानस में बहुत बेचैनी है.

सुरक्षा बालों के सम्मान की रक्षा करने हेतु बजरंगदल के कार्यकर्ता किसी भी हद तक समर्पण को तैयार हैं. वक्ताओं का कहना था कि सेना का अपमान इस देश के नागरिकों अपमान है. इसलिए इन पत्थरबाजों के विरूद्ध आतंकवादियों की तरह ही कार्यवाही करने की खुली छूट सेना तथा अर्धसैनिक बालों को मिलनी चाहिए. ज्ञापन में कहा गया है कि सेना हमारे जन गण मन का गौरव है तथा राष्ट्रीय अस्मिता की संरक्षक है. इसके अपमान से सम्पूर्ण राष्ट्र अपने आप को अपमानित महसूस करता है. घाटी के इन पत्थरबार्जों के साथ उनके समर्थकों के विरुद्ध भी कठोर कार्यवाही के साथ सेना को इनसे निपटने में छुट प्रदान किया जाए ताकि घाटी में और राष्ट्रद्रोह जन्म न ले सके.

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