तेलंगाना के गठन के बाद देश के चारों कोनों में शुरू हुई नए राज्यों की मांग जोर पकड़ती जा रही है. असम में अलग राज्य की मांग कर रहे कई संगठनों ने 1500 घंटे का बंद बुलाया है.
अखिल बोडो छात्र संगठन (एबीएसयू) ने 48 घंटे का असम बंद और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पीपुल्स फ्रंट (यूडीपीएफ) ने सोमवार से 1500 घंटे का बंद बुलाया है. कामतापुर राज्य की मांग कर रहे अखिल कोच राजबोंगशी छात्र संघ (एकेआरएसयू) ने भी 36 घंटे के असम बंद का आह्वान किया है. यह भी सोमवार से शुरू हो गया है.
कर्बी पीपुल्स लिबरेशन टाइगर्स (केपीएलटी) ने तेलंगाना की तर्ज पर कर्बी आंगलोंग जिले को अलग राज्य बनाने की मांग करते हुए 300 घंटे का बंद बुला लिया है. बंद का लोगों, खास तौर से पर्यटकों पर बहुत बुरा असर पड़ा है.
रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि रंगिया-बिजनी-न्यू बोगोइगांव खंड पर दोपहर तक रेल सेवा प्रभावित रही और कम दूरी की 13 रेल गाड़ियां रद्द कर दी गईं. प्रवक्ता ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र से गुजरने वाली सवारी गाड़ियों को पर्याप्त सुरक्षा दी जा रही है. इस बात की भी आशंका है कि बंद से पूरे उत्तर पूर्व क्षेत्र पर बुरा असर पड़ेगा और जरूरी चीजों की सप्लाई बाधित होगी.
इसके अलावा दो संगठनों की लगातार 64 दिन की हड़ताल सोमवार से शुरू होने के बाद असम के पांच जिलों में सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया. हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं और ट्रेन सेवाएं बाधित रहीं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कार्बी आंगलौंग जिले में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ. वहां अलग कार्बी आंगलौंग राज्य की मांग की जा रही है. सुबह आठ बजे से कफ्र्यू में छह घंटे की ढील दी गई.
सूत्रों के मुताबिक, मांजा में वन क्षेत्र कार्यालय में आग लगाने की कोशिश कर रहे चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया.
कांग्रेस विधायकों और सांसदों समेत एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली के लिए रवाना हो गया है. वे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से कार्बी आंगलौंग को अलग राज्य का दर्जा देने का अनुरोध करेंगे.