देशभर में खुदरा व्यापारी एफडीआई के विरोध में सड़कों पर उतर गए हैं और भारत बंद का असर पूरे देश में देखा जा रहा है. खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में भारत बंद के आह्वान का बिहार में भी व्यापक असर देखा गया. बंद को कई राजनीतिक दलों सहित अनेक व्यवसायिक संगठनों का भी समर्थन मिला.
पटना सहित राज्य के प्रमुख शहरों में बड़े-बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, तो खुदरा विक्रेता भी अपनी दुकानें बंद रख भारत बंद के समर्थन में नजर आए. पटना के अधिकांश निजी विद्यालयों को भी बंद रखा गया. बाजार बंद रहने के कारण सड़कों पर आवागमन भी कम देखा गया.
बिहार राज्य खाद्यान्न व्यवसायी संघ के अध्यक्ष गंगा प्रसाद का कहना है कि बिहार में भारत बंद को व्यापक समर्थन मिला है. उन्होंने कहा कि देश में पांच करोड़ से अधिक खुदरा दुकानें है, जिन पर करीब 25 करोड़ लोग आश्रित हैं. एफडीआई से वे देखते-देखते बेरोजगार हो जाएंगे.
इधर, भारत बंद को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. राजधानी सहित सभी जिला मुख्यालयों की सड़कों पर पुलिस गश्त तेज कर दी गई है.