बेंगलुरु को 'सुसाइड कैपिटल' कहा जाता है, लेकिन बीते शुक्रवार को इसने रिकॉर्ड तोड़ दिया. 13 जून को शहर में कुल 11 लोगों ने अपनी जान दे दी. इनमें पांच महिलाएं और दो लड़कियां शामिल थीं.
जाहिर तौर पर कर्नाटक की राजधानी के लिए यह एक बदनुमा रिकॉर्ड है. 15 साल की रेवती ने इसलिए जान दे दी क्योंकि उसे अंग्रेजी सीखने में मुश्किल पेश आ रही थी. 14 साल की कोकिला ने सेहत से जुड़े कारणों से आत्महत्या कर ली.
जितनी महिलाओं ने सुसाइड किया वे सभी पारिवारिक समस्याओं या शादी से जुड़ी अनबन झेल रही थीं. इनमें से चार ने फांसी लगाई और एक ने खुद को आग लगाकर जान दे दी. पुलिस के मुताबिक, सुसाइड करने वाली विजयलक्ष्मी (34), रत्ना (45), आनंदी (21), रेशमा (22) और सुनंदा (26) अपने रिश्तों में मुश्किलों से परेशान थीं.
आत्महत्या करने वालों में अन्य लोग हैं, राजा (27), माणिक्य (70), प्रवीण (36), संपांगी (30). प्रवीण के अलावा बाकी तीनों आर्थिक रूप से साधारण परिवारों से ताल्लुक रखते हैं. सभी सुसाइड दोपहर 3 बजे से रात 11:45 के बीच हुए.
2011 में भी यहां सात लोगों ने आत्महत्या की थी. लेकिन यह पहली बार है जब सुसाइड की संख्या दहाई का आंकड़ा छू गई. बेंगलुरु में हर साल सबसे ज्यादा आत्महत्याएं हो रही हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के मुताबिक, 2010 में बेंगलुरु में 1778 लोगों ने आत्महत्या की और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. बेंगलुरु पुलिस के मुताबिक 2011 के बाद से यहां हर साल 2000 से ज्यादा आत्महत्याएं हुई हैं.