scorecardresearch
 

मनमोहन वैद्य बोले- सरकारी नौकरी में संघ से जुड़े लोगों पर पाबंदी गैरकानूनी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े होने पर सरकारी नौकरी नहीं देने के सर्कुलर को बदले जाने के ऐलान का संघ ने स्वागत किया है. संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि कई मामलों में कोर्ट ने सरकार के इस सर्कुलर को असंवैधानिक करार दिया है.

Advertisement
X
मनमोहन वैद्य ने कहा- संघ का काम लोगों के लिए, लोगों का और लोगों की ओर से चलाया जाता है
मनमोहन वैद्य ने कहा- संघ का काम लोगों के लिए, लोगों का और लोगों की ओर से चलाया जाता है

Advertisement

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े होने पर सरकारी नौकरी नहीं देने के सर्कुलर को बदले जाने के ऐलान का संघ ने स्वागत किया है. संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि कई मामलों में कोर्ट ने सरकार के इस सर्कुलर को असंवैधानिक करार दिया है.

उन्होंने कहा कि संघ के कार्यक्रम में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने या स्वयंसेवकों को सरकारी नौकरी मिलने पर पाबंदी लगाया जाना गलत है. संघ सरकारी तरीके से या उसकी मदद से नहीं चलता. हमारा काम आम लोगों के लिए, आम लोगों के साथ और आम लोगों की ओर से चलाया जाता है.

स्वयंसेवकों पर लगी पाबंदी गैरकानूनी
मनमोहन वैद्य ने कहा कि सरकार की ओर से इस तरह की पाबंदी लगाकर संघ के काम और स्वयंसेवकों के मनोबल को प्रभावित करने की कोशिश की गई थी. इसके बावजूद संघ का काम चलता रहा. ऐसे सर्कुलर को हटना ही चाहिए था.

Advertisement

राजस्थान के कस्टम विभाग ने किया फैसला
इससे पहले राजस्थान में कस्टम विभाग में संघ से न जुड़े होने के घोषणापत्र देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा था. राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि साल 1966 के उस सर्कुलर को वापस लिया जाएगा, जिसमें संघ या ऐसे किसी अन्य गैरकानूनी संगठन से जुड़े लोगों को सरकारी नौकरी न देने की घोषणा की गई थी.

कहां से शुरू हुआ मामला
सरकार ने यह कदम हाल में गोवा के एक मामले के बाद उठाने का फैसला किया है. जहां केंद्र सरकार के एक विभाग में 1966 के सर्कुलर की वजह से नए नियुक्त किए गए कर्मचारियों से घोषणापत्र मांगा गया था कि वे आरएसएस या जमात से जुड़े तो नहीं हैं?

सर्कुलर वापस लेगी केंद्र सरकार
इस मामले में केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने बयान दिया है कि सरकार ने ऐसा कोई सर्कुलर जारी नहीं किया है. सिंह ने कहा कि अगर किसी पुराने सर्कुलर की वजह से यह गलतफहमी उपजी है तो उसे दूर किया जाएगा. सिंह के इस बयान से कयास लगाए जा रहे हैं कि अब सरकार इस सर्कुलर को वापस लेने जा रही है.

क्या है 1966 के सर्कुलर में?
साल 1966 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी किया था. इसके मुताबिक सरकारी नौकरी के लिए नियुक्त लोगों को घोषणापत्र देकर यह बताना होगा कि वे आरएसएस या जमात-ए-इस्लामी से तो नहीं जुड़े. अगर कोई इन संगठनों से जुड़ा है तो उसे नौकरी नहीं दी जाएगी. इस सर्कुलर को 1975 और 1980 में दोबारा जारी किया गया था. हालांकि कई सालों तक इन सर्कुलर का पालन नहीं किया गया.

Advertisement
Advertisement