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पीएम मोदी ने सड़कों पर लगाई झाड़ू, हमें भी US में ऐसा करना होगा: बराक ओबामा

भारत के रिपब्लिक डे समारोह में हिस्सा लेने का बाद सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने सीईओ समिट में शिरकत की. सीईओ समिट में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा दोनों देशों के सीईओ ने भी हिस्सा लिया.

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PM मोदी के साथ बराक ओबामा
PM मोदी के साथ बराक ओबामा

भारत के रिपब्लिक डे समारोह में हिस्सा लेने का बाद सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने सीईओ बिजनेस समिट में शिरकत की. सीईओ समिट में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा दोनों देशों के कई सीईओ ने भी हिस्सा लिया. ओबामा ने इस मौके पर मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत अभियान काबिले तारीफ है. मोदी सड़कों पर झाड़ू लगाते नजर आए. हमें अमेरिका में भी ऐसा करना होगा.

अन्य कदमों की चर्चा करते हुए ओबामा ने कहा कि अमेरिका भारत को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी तथा बेहतर सड़कों के निर्माण में सहायता के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, 'हमें इस बात को सुनिश्चित करने की जरूरत है कि भारत तथा अमेरिका का आर्थिक विकास समावेशी हो. प्रवासी निवेश पहल भी भारत के लिए मददगार होगा.'

ओबामा ने कहा, 'भारत को अमेरिकी निर्यात लगभग 35 फीसदी है. हमारे देश में भी भारतीय निवेश में बढ़ोतरी हो रही है. भारतीय निवेश से अमेरिका में रोजगारों का सृजन हो रहा है. हमारे बीच प्रगाढ़ होते व्यापार संबंध भी भारत के लिए शुभ संकेत है. संबंधों से दोनों देशों के कामगार लाभान्वित हो रहे हैं.'

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ओबामा ने कहा कि सिर्फ जीडीपी से विकास को आंकना सही नहीं होगा. विकास का सही मतलब लोगों की जिंदगी और रहने के तौर-तरीकों के बेहतर होने से भी है. दोनों देशों को नई गति, ऊर्जा और उम्मीद के साथ आगे बढ़ना होगा. हमने रक्षा सहयोग में बड़ा कदम उठाया. अमेरिका में रोजगार बढ़ रहे हैं. हम सकरात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. अमेरिका और भारत के संबंधों का जिक्र करते हुए ओबामा ने कहा कि दोनों देशों की तकदीर जुड़ी हुई है. दोनों देश साथ व्यापार कर आगे बढ़ सकते हैं और दुनिया को यह दिखा सकते हैं कि व्यापार कैसे किया जाता है.

'रक्षा क्षेत्रों में मिलकर करेंगे काम'
ओबामा ने कहा कि अब हमें डिफेंस सहयोग पर जोर देना चाहिए. अमेरिका में बनी मशीनरी भारत के इंफ्रास्ट्रक्टर को सुधार सकती है. नई तकनीक भारत के विकास में मदद करेगी.

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इससे पहले समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्य को ऐसी नीतियों से संचालित होना चाहिए, जो अधिक निवेश आकर्षित कर सकें. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के छह महीने के कार्यकाल के दौरान ही अमेरिकी निवेश में 50 फीसदी का उछाल आया है.

मोदी ने अमेरिका-भारत बिजनेस समिट में कहा, 'राज्य नीति संचालित होना चाहिए. इससे निवेश में मदद मिलेगी. देश में निवेश लाने के लिए स्थिरता एक अन्य बहुत महत्वपूर्ण पक्ष है. इनसे कई समस्याएं सुलझ जाएंगी.'

मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ इस शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अधोसंरचना और कृषि में भारी निवेश से अर्थव्यवस्था में सुधार होगा.

मोदी ने दिया 3-S फॉर्मूला
पीएम मोदी ने सीईओ सम्मेलन के दौरान तीन-S फॉर्मूला दिया. मोदी ने कहा कि अब हमें स्केल, स्किल और स्पीड पर जोर देने की जरूरत है. सिर्फ स्किल डेवलपमेंट होने से काम नहीं चलेगा. हमने साथ काम करने के लिए ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप बनाया है. भारत में सभी उद्योगों के लिए रास्ते खुले हैं. टूरिज्म के क्षेत्र में हम आगे बढ़ सकते हैं. भारत में व्यापार की अपार संभावनाएं हैं. हम कागजी कार्रवाई की जगह डिजिटिलाइजेशन पर जोर दे रहे हैं. कभी कभार लोगों को लगता है भारत इंपोर्ट करेगा या नहीं. हमारा सबसे पहला टारगेट अपनी क्रय शक्ति को बढ़ाने पर जोर देना होगा. इंफ्रास्ट्रक्टर पर जोर देना होगा.

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निवेश पर रहा मोदी का ध्यान
मोदी ने कहा कि आज हम कृषि क्षेत्र में अच्छा कर रहे हैं. अगर हम कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण का उपयोग ज्यादा करें तो हम बेहतर कर सकते हैं. गुजरात मॉडल के तहत हम गुड गवर्नेंस पर जोर देते थे. मुझे खुशी है कि यूएस भारत में निवेश कर रहा है और भारतीय यूएस में निवेश कर रहे हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर और कृषि में निवेश से क्रय शक्ति बढ़ेगी. सुशासन सभी समस्याओं का हल है. हमें ज्यादा निवेश करने की जरूरत है. ज्यादा निवेश से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. प्रधानमंत्री ने हा कि पीएमओ की सभी बड़े प्रोजेक्टस पर नजर है.

उन्होंने कहा, 'हम सही रास्ते पर हैं. आर्थिक विकास में वृद्धि दर्ज की गई है. दुनिया के प्रमुख देशों के मुकाबले भारत में व्यापार का माहौल सर्वोच्च स्तर पर है. उपभोक्ता माहौल तीन साल के बाद सकारात्मक दर्ज किया गया है.' मोदी ने कहा, 'अर्थव्यवस्था के आठ प्रमुख सेक्टरों का विकास तेजी से बढ़ा है. महंगाई पांच साल के निचले स्तर पर है. पिछले चार महीनों में 11 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं. मेरी सरकार के छह माह के कार्यकाल में ही अमेरिकी निवेश 50 फीसदी बढ़ा है.'

बौद्धिक संपदा अधिकार का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को सभी पक्षों को मिलकर हल करना होगा. उन्होंने कहा, 'हमने एक कार्यकारी समूह गठित किया है जो इस मुद्दे पर चर्चा करेगा.' ओबामा की ओर रुख करते हुए मोदी ने कहा कि अब इनके सहयोग से 'हम अपनी प्रतिबद्धताओं को ठोस भविष्य में बदलेंगे.'

अमेरिका-भारत बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) ने भारत के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी), भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के साथ मिलकर इस सम्मेलन को आयोजित किया.

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