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वायरल टेस्टः क्या है सरकारी बैंक के एटीएम से 500 के नकली नोट निकलने का सच

22 अप्रैल रविवार को एक हिंदी अखबार के पत्रकार प्रवीण उत्तम  शाम के करीब 5:00 बजे बरेली के सुभाष नगर इलाके में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से 12 सौ रुपए निकाल कर बाहर निकल रहे थे. ATM से पांच ₹500 के दो नोट और 100 के दो नोट निकले थे. लेकिन निकाले गए नोटों को अपनी जेब में रखने से पहले जब प्रवीण उत्तम की नजर उनमें से एक नोट पर पड़ी तो वो हैरान रह गए.

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एटीएम से निकले नकली नोट
एटीएम से निकले नकली नोट

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किसी सरकारी बैंक के ATM से नकली नोट निकलने की खबर तो आपने पहले भी सुनी होगी, लेकिन यह शायद ही कहीं सुना होगा कि सरकारी बैंक के ATM ग्राहकों के साथ धोखा ही नहीं,  मजाक भी करने लगे हैं. उत्तर प्रदेश के बरेली में बिल्कुल यही हुआ.

ATM से लगातार तीन लोगों के निकले नकली नोट

22 अप्रैल रविवार को एक हिंदी अखबार के पत्रकार प्रवीण उत्तम शाम करीब पांच बजे बरेली के सुभाष नगर इलाके में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से 1200 रुपये निकालकर बाहर निकल रहे थे. ATM से पांच सौ रुपये के दो नोट और सौ रुपये के दो नोट निकले थे. हालांकि निकाले गए नोटों को अपनी जेब में रखने से पहले जब प्रवीण उत्तम की नजर उनमें से एक नोट पर पड़ी तो वो हैरान रह गए.

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पांच सौ रुपये के एक नोट पर एक तरफ 'भारतीय मनोरंजन बैंक ऑफ इंडिया' और दूसरी तरफ 'चिल्ड्रन बैंक ऑफ इंडिया' लिखा था.  प्रवीण को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ और वह सोच ही रहे थे कि क्या किया जाए? तभी एक और व्यक्ति अशोक पाठक पैसे निकालने के लिए उसी ATM में पहुंचे. अशोक पाठक स्वास्थ्य विभाग के रिटायर कर्मचारी हैं. प्रवीण एटीएम के बाहर इंतजार करने लगे कि अशोक पाठक भी पैसे निकालकर बाहर निकलें, ताकि यह पता चल सके कि यह बेहूदा मजाक क्या सिर्फ उन्हीं के साथ हुआ है.

अशोक पाठक ने  ATM से साढ़े चार हजार रुपये निकाले. प्रवीण ने उनसे कहा कि वह अपने नोटों की जांच ठीक से कर लें. जब अशोक पाठक ने अपने नोटों को सही से देखा तो उनमें से  500 के दो नोट भी ठीक वैसे ही निकले, जिसको लेकर प्रवीण उत्तम परेशान थे. अब यह दोनों लोग मिलकर ATM में किसी तीसरे आदमी के आने का इंतजार करने लगे, ताकि पक्के तौर पर यह चेक हो सके कि ATM से पांच सौ रुपये के जो नोट निकल रहे हैं, उसमें कुछ गड़बड़ है.

कुछ ही देर में इंद्र कुमार शुक्ला पैसे निकालने उसी ATM में पहुंचे. इंद्र कुमार शुक्ला खुद बैंकिंग सेक्टर से जुड़े हुए हैं. इन दोनों लोगों ने इंद्र कुमार को बिना कुछ बताए कहा कि वह रुपये निकालें और मोबाइल पर उसका वीडियो बनाने लगे. दोनों लोगों को लगा कि अगर ATM से भारतीय मनोरंजन बैंक का नोट निकलते हुए वीडियो बन जाए, तो पक्का सबूत हो जाएगा. इन दोनों लोगों की योजना काम आई. इंद्र कुमार शुक्ला के एटीएम से 1000 ऊपर निकालते हुए पूरा वीडियो मोबाइल पर शूट हो गया. इस बार भी 500 रुपये के दो नोट निकले थे, जिनमें से एक नोट नकली था, जिस पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की जगह भारतीय मनोरंजन बैंक छपा हुआ था. इन तीनों लोगों ने सोचा कि अब पूरे सबूत के साथ यह बात बैंक के मैनेजर को बताई जाए.

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नकली नोटों को देखकर बैंक मैनेजर भी हैरान

बरेली में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर बच्चन साहा को जब इन तीनों लोगों ने अपनी दास्तां सुनाई, तो वो भी हैरान रह गए. लेकिन ATM से निकले नकली नोट भी सामने थे, एक नहीं बल्कि तीन लोग इसकी गवाही दे रहे थे. इस पूरे वाकये का वीडियो शूट भी पक्के सबूत के तौर पर सामने था. इसलिए इनकार करना संभव नहीं था.

बैंक मैनेजर ने इन तीनों लोगों से लिखित शिकायत दर्ज कराने को कहा. इस पर इन तीनों लोगों ने इसकी शिकायत दर्जा करा दी. देखते ही देखते यह खबर चारों तरफ फैल गई और कई TV चैनल और अखबारों में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से भारतीय मनोरंजन बैंक के नोट निकलने की खबर चर्चा में आ गई.

नकली नोटों की खबर की तह तक पहुंचा आजतक

आजतक/इंडिया टुडे ने इस मामले की गहराई से पड़ताल की, ताकि सच्चाई सामने आ सके. बैंक के मैनेजर और कर्मचारियों से बातचीत करके पता चला कि बरेली शहर में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के तीन ATM हैं. इन तीनों ATM में नोटों के भरने का काम बैंक नहीं, बल्कि बाहर की एक एजेंसी करती है, जिसका नाम Securitrans India Pvt Ltd है. यह कंपनी सिटी बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, अमेरिकन एक्सप्रेस बैंक,  HDFC, केनरा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम को भी मैनेज करने का काम करती है. इस कंपनी का साल 2011 में CMS इंफोसिस्टम्स लिमिटेड ने अधिग्रहण कर लिया था.

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बरेली यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर बच्चन साहा ने बताया कि बैंक और इस एजेंसी के बीच ईमेल के जरिए संवाद होता है. ATM में जितने रुपयों की जरूरत होती है, उतने रुपये बैंक गिनकर इस एजेंसी के आदमी के हवाले कर देता है और फिर उसकी जिम्मेदारी होती है कि वो ATM में जाकर पैसे भर दे. एक बार में एटीएम में अधिक से अधिक 20 लाख रुपये डाले जाते हैं. बरेली के जिस ATM से नकली नोट निकले उसमें आखिरी बार 19 अप्रैल को पैसे भरे गए थे. उस दिन Securitrans India की तरफ से राहुल मिश्रा नाम के एजेंट ने बैंक आकर छह लाख लिए थे.

बैंक के कैशियर अनिकेत बाबू ने यह छह लाख रुपये राहुल मिश्रा को गिनकर दिए थे. इसमें 2000 रुपये के 100 नोट और 500 रुपये के 800 नोट शामिल थे. बैंक के मैनेजर और कैशियर दोनों का कहना था कि जब ATM भरने वाली एजेंसी के एजेंट को नोट दिए जाते हैं, तो उसकी पूरी तरीके से जांच और गिनती की जाती है. एजेंट भी अपने सामने नोटों की गिनती करवाता है और ATM में भरने से पहले मशीन से इस बात की जांच की होती है कि सभी नोट ठीक हैं और इसमें कोई नकली नोट नहीं है. अगर नोटों की गड्डी में एक भी नकली नोट होगा, तो मशीन फौरन उसे पकड़ लेगी.

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बैंक के इस दावे की जांच करने के लिए जब आजतक के संवाददाता ने नोटों की गड्डी में दो नकली नोट डालकर उसे मशीन में टेस्ट किया, तो हर बार मशीन ने नकली नोट को पकड़ लिया. टेस्ट के लिए उसी नकली नोट का इस्तेमाल किया गया, जो प्रवीण उत्तम और इंद्र कुमार शुक्ला को ATM से मिला था और जिसे  बैंक में अपने पास जमा करा लिया है.

ATM में पैसा भरने वाली एजेंसी से नहीं मिला जवाब

लेकिन इसके बाद जब Securitrans India से संपर्क करने की कोशिश की गई तो कई बार कोशिश के बावजूद कोई सामने नहीं आया.  खुद जब बैंक के मैनेजर ने 19 अप्रैल को बैंक से नोट ले जाने वाले राहुल मिश्रा को बैंक बुलाना चाहा तब भी कोई सामने नहीं आया. Securitrans India के फोन नंबर पर कोई जवाब नहीं मिला. शायद एजेंसी के लोग मामले के सुर्खियों में आने के बाद सामने आने से बच रहे थे. हैरानी की बात  ये है  बैंक से हासिल Securitrans India Pvt Ltd. के लेटर पैड पर भी गलत फोन नंबर छपा हुआ है. छपा हुआ नंबर 936853488 है जिसमें सिर्फ 9 डिजिट हैं जबकि हर मोबाइल नंबर में 10 डिजिट होते हैं.

बैंक के एटीएम से नकली नोट निकलने के बारे में जब हमने कोलकाता में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के हेड ऑफिस में संपर्क किया तो बैंक में इस मामले में ईमेल पर अपना जवाब भेजा. यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी जनरल मैनेजर मनीष अग्रवाल के मुताबिक बैंक ATM में डालने के लिए जो नोट देता है उसकी अच्छी तरह से जांच की जाती है. उन्होंने यह भी कहा कि इन तीन लोगों की शिकायत के बाद इसी ATM से जब बचे हुए सारे नोटों की जांच की गई तो उसमें से कोई और नोट नकली नहीं निकला. उन्होंने कहा कि  इसके बावजूद इन ग्राहकों के शिकायत के बाद बैंक इस लेन देन के बारे में पूरी जांच करेगा.

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इस पूरे मामले की जांच करने के बाद यह बात कही जा सकती है कि ना तो ये तीनों ग्राहक झूठ बोल रहे हैं और ना ही बैंक में ATM में डालने के लिए नकली नोट दिया होगा. इस बात की पूरी संभावना है कि नोटों में गड़बड़ बैंक से ATM पहुंचने के बीच हुई है जिसकी जिम्मेदारी ATM में नोट बांटने वाले एजेंसी की होती है. यानी यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से बरेली में नकली नोट निकलने की खबर सही है.

(बरेली में कृष्ण गोपाल और अरविंद मिश्रा के इनपुट्स के साथ)

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