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बार्क टीम ने विकिरण स्थल का निरीक्षण किया

भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) के विशेषज्ञों ने आज पश्चिमी दिल्ली के उस औद्योगिक क्षेत्र का निरीक्षण किया जहां एक कबाड़ की दुकान में ‘हल्के रेडियोधर्मी रिसाव’ की घटना हुई. विशेषज्ञ टीम ने इस बात की भी जांच की कि आसपास कहीं कोई और ऐसी वस्तु तो नहीं है जिससे रेडियोधर्मी रिसाव हो सकता हो.

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भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) के विशेषज्ञों ने आज पश्चिमी दिल्ली के उस औद्योगिक क्षेत्र का निरीक्षण किया जहां एक कबाड़ की दुकान में ‘हल्के रेडियोधर्मी रिसाव’ की घटना हुई जिसमें पांच लोग झुलस गए. विशेषज्ञ टीम ने इस बात की भी जांच की कि आसपास कहीं कोई और ऐसी वस्तु तो नहीं है जिससे रेडियोधर्मी रिसाव हो सकता हो.

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मायापुरी औद्योगिक क्षेत्र में टीम ने पहले कबाड़ की दुकान में पड़ी रहस्यमय चमकदार वस्तु को एकत्र कर इसे अलग-थलग किया और इसे आगे की जांच के लिए भेज दिया.

पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) शरद अग्रवाल के अनुसार विशेषज्ञों ने शुक्रवार की सुबह मायापुरी स्थित कबाड़ की दुकान का दौरा किया और यह जानने के लिए क्षेत्र का निरीक्षण भी किया कि आसपास कहीं रेडियोधर्मी रिसाव का कोई और स्रोत तो मौजूद नहीं है.

उन्होंने बताया कि टीम ने विकिरण के स्रोत को पहचान लिया है. उसने सामग्री एकत्रित की और इसे अलग-थलग कर दिया. वह इसकी जांच कर रही है. अग्रवाल ने कहा ‘घबराने की कोई बात नहीं है. यह एक सीमित विकिरण था. सभी ऐहतियाती कदम उठाए गए हैं और विशेषज्ञों को अब तक विकिरण का कोई और स्रोत नहीं मिला है.’ यह पूछे जाने पर कि क्या रेडियोधर्मी रिसाव अचानक हुआ अग्रवाल ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह कुछ समय से हो रहा था.

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{mospagebreak}गत रात इस घटना की खबर मिलते ही पुलिस ने एक किलोमीटर के दायरे में क्षेत्र को घेर लिया और क्षेत्र में प्रवेश निषिद्ध कर दिया. बाजार में कबाड़ की लगभग 200 दुकान हैं. परमाणु उर्जा विभाग (डीएई) के आपदा प्रबंधन समूह और परमाणु उर्जा नियामक बोर्ड के वैज्ञानिकों ने गत रात क्षेत्र में विकिरण के प्रसार का सर्वेक्षण किया.

यह घटना गुरुवार को उस समय प्रकाश में आई जब कबाड़ व्यापारी दीपक जैन गंभीर रूप से झुलस गया और उसे अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया जिसने सरकार को सूचना दी कि वह विकिरण से पीड़ित हुआ है. वस्तु के संपर्क में आने के बाद वह बेहोश हो गया और उसके हाथ काले पड़ गए. वस्तु मेडिकल कचरे का हिस्सा थी जो शहर के एक अस्पताल से खरीदा गया था. जैन को बाद में अपोलो से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थानांतरित कर दिया गया.

घटना में जैन के चार कर्मचारी भी झुलस गए. उसके रिश्तेदार राजेश का कहना है कि जैन के शरीर पर हल्के काले निशान पड़ गए जो बाद में गहरा गए. स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में अजीब सी गंध महसूस की गई.

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