बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर ने ललित मोदी पर कड़ा प्रहार करते हुए उन पर क्रिकेट बोर्ड की छवि खराब करने का आरोप लगाया और साथ ही कहा कि वह भ्रामक आरोप लगा रहे हैं कि आईपीएल के अंतरिम अध्यक्ष चिरायु अमीन पुणे फेंचाइजी की विफल बोली का हिस्सा थे.
{mospagebreak}मनोहर ने कहा कि यह सच्चाई है कि निलंबित आईपीएल आयुक्त ने पुणे समूह को सलाह दी थी कि वह निवेशक के रूप में अमीन को शामिल करें और आईपीएल अंतरिम अध्यक्ष पैसा लगाने के लिये मान गये थे बशर्ते की यह बोली सफल रहती और उन्होंने इसके लिये बोर्ड की अनुमति भी मांगी थी.
मनोहर ने मोदी के आरोपों के उलट यह दावा भी किया कि आईपीएल संचालन परिषद यह नहीं जानती थी कि सिटी कारपोरेशन के मनेजिंग डायरेक्टर अनिरूद्ध देशापांडे ने व्यक्तिगत तौर पर बोली लगाई.
उन्होंने कहा ‘सच्चाई यह है कि खुद मोदी ने अजय शिकरे के जरिये पुणे फ्रेंचाइजी को संदेश भेजा था कि वे अमीन से संपर्क करें और उन्हें समूह का हिस्सा बनने के लिए कहें.’
मनोहर ने कहा कि जब बोली लगाने वाले अमीन से समूह से जुड़ने के लिये मिले तो अमीन बोली जीतने की स्थिति में दस प्रतिशत निवेश करने के लिये तैयार हो गये और उन्हे बीसीसीआई की अनुमति भी मिल गयी. अमीन ने मुझे पत्र दिया और उसकी एक कापी मानद सचिव (एन श्रीनिवासन) को दी जिसमे कहा गया था कि पुणे फ्रेंचाइजी के लोग उससे मिले थे.
उन्होंने कहा कि पत्र में साफ कहा गया है कि सिटी कारपोरेशन जब बोली जीतेगा तो क्रिकेट बोर्ड से औपचारिक रूप से बात करेगा कि इस समूह में पूंजी लगाने की अनुमति दी जाए. पत्र से एकदम साफ है कि यह प्रस्ताव उस शर्त के साथ था कि अमीन बोर्ड की अनुमति केवल उसी स्थिति में लेंगे जब बोली सफल हो जाएगी.
मनोहर ने मोदी पर आरोप लगाया कि वह अमीन और बोर्ड की छवि को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं.
मोदी ने कहा, ‘मोदी कल से तरह तरह के बयान देकर बोर्ड और चिरायु अमीन की छवि को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं.ये बयान सच्चाई से काफी दूर हैं.’ इसलिये यह साफ है कि मोदी का यह दावा कि अमीन बोली का हिस्सा थे एकदम गलत है यह केवल बोर्ड की छवि का खराब और बदनाम करना है.
पुणे फ्रेंचाइजी पर लगी बोली सहारा ग्रुप ने हासिल की थी, लेकिन इस बोली ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था क्योंकि इसमें बीसीसीआई के पूर्व प्रमुख और कृषि मंत्री शरद पवार और उनकी सांसद बेटी सुप्रिया सुले शामिल होने की बात कही जा रही थी.
{mospagebreak}‘सिटी कारपोरेशन’ में पवार के परिवार की 16 प्रतिशत इक्विटी थी, लेकिन उन्होंने दावा किया कि देशपांडे ने पुणे टीम के लिये अकेले बोली लगायी थी और कंपनी का बोर्ड इस कदम के खिलाफ था, हालांकि उन्होंने बोली के दस्तावेजों में कंपनी का नाम इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी.
लेकिन मनोहर ने कहा कि आईपीएल की संचालन परिषद जानती थी कि देशपांडे अकेले बोली लगा रहे थे, लेकिन इस बोली को एक सिरे से खारिज कर दिया गया.
मनोहर ने कहा, ‘मोदी ने एक बयान दिया था कि देशपांडे ने उन्हें सूचित कर दिया था कि बोली भले ही सिटी कारपोरेशन लिमिटेड की तरफ से लगायी जायेगी, लेकिन सचमुच में यह उनकी व्यक्तिगत बोली थी.’
मनोहर ने कहा, ‘मोदी खुद विवादों में फंसे हैं और वह बार बार इस तरह के गलत और बेबुनियाद बयान देकर बोर्ड की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं जबकि बोर्ड उनके गलत कामों की वजह से ऐसी शर्मनाक स्थिति में पहुंचा है.’