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मिठाई, नमकीन में होते हैं हानिकारक रंग

सावधान! खुशी के मौकों पर जो मिठाई आ खा रहे हैं, कहीं वह जहरीली तो नहीं? जी हां, यह जहरीली हो सकती है. आम तौर पर बिकने वाली मिठाई उन मापदंडों पर खरा नहीं उतरती, जो तय किए गए हैं.

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सावधान! खुशी के मौकों पर जो मिठाई आ खा रहे हैं, कहीं वह जहरीली तो नहीं? जी हां, यह जहरीली हो सकती है. आम तौर पर बिकने वाली मिठाई उन मापदंडों पर खरा नहीं उतरती, जो तय किए गए हैं. राष्ट्रीय स्तर पर हुए एक सर्वे में तो कम से कम यह बात सामने आई है.

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बर्फी, ऑरेंज लड्डू या अन्य मिठाई देखने में बेशक लुभावनी होती है, मगर स्वास्थ्य के लिए यह खतरनाक है. मिठाईवालों से खरीदी गई मिठाई में हानिकारक सिन्थेटिक रंगों और डाई का इस्तेमाल होता है, जिसकी इजाजत मनुष्य के इस्तेमाल के लिए नहीं दी गई है.

सर्वे में देशभर से मिठाइयों और नमकीन के सैंपल लिए गए और इन्हें जांचा गया. जो तथ्य सामने आया, वह चौंकाने वाला था. इन उत्पादों में ऐसे कलर भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं जिनके इस्तेमाल की अनुमति नहीं है.

64.8 प्रतिशत सैंपलों में दोनों तरह के परिणाम सामने आए. इनमें परमिटेड और नॉन-परमिटेड दोनों तरह के कलर इस्तेमाल किए गए थे. परमिटेड कलर तो ठीक हैं, लेकिन ये कलर रेगुलरटी लिमिट से कहीं अधिक मात्रा में इस्तेमाल किए जा रहे हैं. मतलब यदि कलर ठीक हैं तो फिर उनकी मात्रा इतनी ज्यादा है कि आपकी सेहत को प्रभावित जरूर करेगी.

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देश के 16 राज्यों से कुल 2,409 सैंपल लिए गए और इन पर अध्ययन किया गया. इनमें से 58 फीसदी उत्पादों में सघनता या गाढ़ापन लिमिट से बहुत अधिक पाया गया. 16:4 प्रतिशत उत्पादों में वे कलर थे,‍ जिन्हें इंसानों के लिए इस्तेमाल किए जाने की मनाही है. यह शोध जल्द ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के 'जर्नल ऑफ फूड साइंस' में प्रकाशित होगी.

सैंपलिंग के दौरान ब्रांडेड उत्पादों के सैंपल नहीं लिए गए थे. केवल हलवाइयों और मिठाइवालों से ही सैंपल लिए गए.

खतरनाक हैं इनके प्रभाव
शोधकर्ताओं ने पाया कि वे खाने वाली चीजें, जिनमें कलर की बहुत अधिक इस्तेमाल हो, बच्चों के लिए बेहद हानिकारक हैं. इन्हें खाने से बच्चों को न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं और उनका नर्वस सिस्टम गड़बड़ा सकता है.

इस शोध करने वाली टीम के अगुवा और लखनऊ के सीएसआईआर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सीकॉलजी रिसर्च (CSIR-IITR) के फूड एंड केमिकल टॉक्सीलॉजिस्ट डॉ. मुकुल दास ने बताया कि भारतीयों के खाने में यू‍रोपियन और अमेरिकन लोगों से ज्यादा कलर का इस्तेमाल किया जाता है, ऐसे में भारतीयों को खतरा ज्यादा है. खोया बर्फी, रसगुल्ला, बेसन बर्फी, बूंदी लड्ड, जलेबी, नमकीन में दालमोठ और सेव जैसी चीजों में लिमिट से कहीं अधिक मात्रा में कलर्स इस्तेमाल किए जाते हैं.

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