रामपुर की सांसद जयाप्रदा की गाड़ी से आरटीओ द्वारा लालबत्ती उतारवाने से आहत राज्यसभा सदस्य व राष्ट्रीय लोकमंच के मुखिया अमर सिंह ने एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव और कैबिनेट मंत्री आजम खां पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
अमर सिंह ने कहा कि जया के साथ दुर्व्यवहार करने वाले दोषी आधिकारी के खिलाफ यदि तीन दिन में कार्रवाई नहीं हुई, तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमर सिंह ने आरोप लगाया कि आजम खां के इशारे पर आरटीओ कौशलेंद्र सिंह यादव ने जयाप्रदा के घर में जाकर उनसे दुर्व्यहार किया और उनकी गाड़ी से लालबत्ती उतरवाई.
जयाप्रदा इसके विरुद्ध दिल्ली दुष्कर्म कांड के बाद बने महिला सुरक्षा कानून के तहत महिला आयोग, इलाहाबाद हाईकोर्ट, लोकसभा अध्यक्ष और राष्ट्रपति तक से गुहार लगाएंगी.
अमर सिंह ने कहा, 'क्या जिस अखिलेश यादव ने कुंडा के डीएसपी जियाउल हक की हत्या में संशय के आधार पर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और कैबिनेट मंत्री राजाराम पांडेय द्वारा सुल्तानपुर की डीएम के.धनलक्ष्मी तथा फिल्म अभिनेत्री हेमा मालनी और माधुरी दीक्षित पर अशोभनीय टिप्पणी करने वाले मंत्री को बर्खास्त कर दिया, वह जया से अभद्रता कराने वाले अधिकारी और मंत्री आजम खां के विरुद्ध कार्रवाई करेंगे?'
उन्होंने कहा, 'मैं जानता हूं कि यह सरकार न आजम के खिलाफ कार्रवाई करेगी न उस यादव अधिकारी के खिलाफ. यदि जियाउल हक के हत्या अभियुक्तों को सीबीआई न गिरफ्तार करती तो यह सरकार उन्हें भी छोड़ देती क्योंकि वे यादव हैं.'
भावुक होते हुए अमर ने कहा, 'आज से मैं जया को कोई भी राजनीतिक निर्णय लेने के लिए मुक्त करता हूं. वह कहीं भी जा सकती हैं जहां उन्हें राजनीतिक संरक्षण मिले, क्योंकि अब समाजवादी पार्टी की हिटलरशाही का पानी सर से ऊपर जा रहा है. जब जब सपा की सरकार होती है तब-तब महिलाओं की इज्जत से खिलवाड़ किया जाता है. इससे पहले मायावती के गेस्ट हाउस कांड को सपा के लोगों ने ही अंजाम दिया था.'
मुलायम पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, 'मुलायम राजनीति के अच्छे पहलवान हैं, वे हमेशा पार्टी नेताओं को आपस में लड़वाया करते हैं. मुलायम ने पहले मुझे मोहन सिंह, राजबब्बर और बेनी वर्मा से लड़वाया. बाद में उन्हीं लोगों को पार्टी में तरक्की मिली जो मुझसे टकराए. आजम ने मुझे सप्लायर और दलाल कहा तो उन्हें सुपर मुख्यमंत्री बना दिया गया.'
कभी सपा के महासचिव रहे अमर इतने पर ही नहीं रुके, बोले, 'रामगोपाल ने मुझे पागल कहा तो उनकी ताकत बढ़ा दी गई. मोहन सिंह ने बेशर्म कहा तो उन्हें राज्यसभा की सदस्यता दे दी गई. राजेंद्र चैधरी ने धोखेबाज कहा तो उन्हें कैबिनेट मंत्री बना दिया गया.'