केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को लेकर ऐसा बयान दिया कि अब उस पर सियासी पारा गरम हो चुका है. आज तक के कार्यक्रम 'सीधी बात' में उन्होंने कहा था कि कलाम मुसलमान होने के ‘बावजूद’ एक महान राष्ट्रवादी थे.
केंद्रीय मंत्री शर्मा ने हाल ही में देश को ‘सांस्कृतिक प्रदूषण’ से मुक्त कराने और विद्यार्थियों को महाभारत तथा रामायण पढ़ाने की बात कही थी. उन्होंने आज तक से बातचीत में कहा, ‘हमने औरंगजेब रोड का नाम बदलकर एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर कर दिया जो एक मुस्लिम होने के 'बावजूद' भी महान राष्ट्रवादी थे.’
महेश शर्मा के इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने सिसायत तेज कर दी है. दरअसल,
शर्मा का बयान नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) के निदेशक
महेश रंगराजन के इस्तीफे से पैदा हुए विवाद की पृष्ठभूमि में आया है.
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार की ओर से असहनीय दबाव की वजह से रंगराजन ने
इस्तीफा दिया.
ओवैसी ने बयान पर उठाया सवाल
शर्मा के इस बयान पर MIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री के बयान से सरकार की मंशा झलकती है. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात का जवाब दें क्या उनके मंत्री जो कुछ भी बोल रहे हैं, वह उनके भी मन की बात है? ओवैसी ने यह भी सवाल किया कि क्या महेश शर्मा यह कहना चाहते हैं कि देश में बसने वाले मुसलमान राष्ट्रभक्त नहीं हैं?
बता दें कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने 28 अगस्त को लुटियंस दिल्ली में स्थित औरंगजेब रोड का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम रोड करने की मंजूरी दी थी.