बिहार में इंटरसिटी एक्सप्रेस पर माओवादी हमले के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में अलर्ट जारी कर दिया गया है. वहीं, ओडिशा एवं झारखंड से सटे सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक एन मुखर्जी ने बताया कि पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है और ओडिशा एवं झारखंड की सीमा पर विशेष सुरक्षा प्रबंध किया गया है. उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड के साथ संपर्क रखा जा रहा है.
मुखर्जी ने बताया कि जंगल महल के जिलाधिकारियों से राइटर्स बिल्डिंग में प्रदेश मुख्यालय से संपर्क में बने रहने को कहा गया है. राज्य में पूर्व एवं दक्षिण पूर्व रेलवे में अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं.
तस्वीरें: ट्रेन पर नक्सली हमले की तस्वीरें
उधर, इस्टर्न रेलवे के प्रवक्ता ने कहा कि रेलवे के आसनसोल डिवीजन से गुजरने वाली आठ लंबी दूरी के ट्रेनों की अतिरिक्त एस्कार्ट दिया जा रहा है, जिनमें पंजाब मेल, काठगोदाम एक्सप्रेस एवं मुजफ्फरपुर फास्ट पैसेंजर शामिल हैं.
तस्वीरें: दंतेवाड़ा के नक्सली हमले की दिल दहलाने वाली तस्वीरें
इस डिवीजन के रेलवे स्टेशनों पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. दक्षिण-पूर्व रेलवे के सूत्र ने बताया कि जंगलमहल से गुजरने वाली ट्रेनों में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
गिरिडीह, धनबाद में भी अलर्ट जारी
माओवादियों द्वारा हमला किए जाने के बाद झारखंड पुलिस ने भी पड़ोसी जिलों गिरिडीह और धनबाद में अलर्ट जारी किया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘घटना के बाद हमने गिरिडीह और धनबाद में अलर्ट जारी किया है.’ करीब 150 माओवादियों द्वारा धनबाद-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस पर हमला किए जाने के बाद यह अलर्ट जारी किया गया है. जमुई झारखंड के गिरिडीह जिले की सीमा से लगा हुआ है.
पढ़ें: जमुई में हिंसा के बाद नक्सलियों ने गया में CRPF पर किया हमला
दिन में भी सफर करने से डरे लोग
धनबाद-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस पर गुरुवार हो दिनदहाड़े हुए नक्सली हमले के बाद लाल आतंक की दहशत से आम लोग सन्न हैं. वे दिन में भी सफर करने से डर रहे हैं. दरअसल, झारखंड के लातेहार जिले का बरकाकाना-बरवाडीह सेक्शन सबसे संवेदनशील माना जाता है. इस रूट से होकर रोजाना दर्जनों ट्रेनें गुजरती हैं, जिसमें हजारों यात्री सफर करते हैं.
पढ़ें: अब सुशील शिंदे बोले, 'आतंकवादी' हैं नक्सली
रात में चलने वाली ट्रेनों की सुरक्षा तो भगवान भरोसे रहती है, क्योंकि अधिकतर ट्रेनों में सुरक्षाबल मौजूद नहीं होता. गौरतलब है की 2006 में इसी रूट पर एक ट्रेन को नक्सलियों ने अगवा कर लिया था.