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बंगाल में TMC-BJP के बीच रामनवमी का राजनीतिक फायदा उठाने की होड़

बीजेपी और हिंदू संगठनों ने जहां प्रतिबंध के बावजूद रामनवमी के दिन हथियारों के साथ जुलूस निकालकर एक नए तरह के हिंदुत्व को प्रदर्श‍ित करने की कोशि‍श की, वहीं ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी रामनवनी के दिन यह दिखाने की होड़ में रही कि वह भी हिंदुओं की कम हितैषी नहीं है.

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हथ‍ियारों के साथ रामनवमी जुलूस में शामिल लोग
हथ‍ियारों के साथ रामनवमी जुलूस में शामिल लोग

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पश्चिम बंगाल में रामनवमी का राजनीतिक फायदा उठाने की होड़ देखी गई. बीजेपी और हिंदू संगठनों ने जहां प्रतिबंध के बावजूद रामनवमी के दिन हथियारों के साथ जुलूस निकालकर एक नए तरह के हिंदुत्व को प्रदर्श‍ित करने की कोशि‍श की, वहीं ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी रामनवनी के दिन यह दिखाने की होड़ में रही कि वह भी हिंदुओं की कम हितैषी नहीं है.

टीएमसी ने राज्य भर में रामनवमी की लोगों को बधाई देने वाले बैनर लगाए और उसके नेताओं, मंत्रियों ने रामनवमी के तमाम आयोजनों, कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. हालांकि पार्टी ने यह साफ किया कि उसने खुद किसी जुलूस या कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया है.  

दूसरी तरफ, बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच, बजरंग दल जैसे हिंदूवादी संगठनों ने राज्य भर में कई जुलूस निकाले और ज्यादातर में लोग हथियारों के साथ शामिल हुए. कड़ी सुरक्षा के बावजूद पुरुलिया में दो गुटों के बीच टकराव होने की खबर है. इसमें चार पुलिस कर्मी घायल हो गए हैं.

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राज्य के कृषि मंत्री आशीष बनर्जी ने बीरभूम में भगवान राम की आरती की, जबकि पूर्व क्रिकेटर और अब विधायक लक्ष्मी रतन शुक्ला ने हावड़ा में एक जुलूस का नेतृत्व किया. एक और वरिष्ठ मंत्री अरूप रॉय भी हावड़ा में एक विशाल जुलूस को देखने पहुंचे.

टीएमसी के नेताओं ने लोगों को रामनवमी की बधाई देते हुए बंगाल की गंगा-जमनी तहजीब का हवाला दिया. दूसरी तरफ, बीजेपी नेताओं ने प्रतिबंध के बावजूद रामनवमी के जुलूसों में हथियारों का खुलेआम प्रदर्शन किया.

राज्य बीजेपी प्रमुख दिलीप घोष खुद खड़गपुर क्षेत्र में रामनवमी उत्सव में शामिल होते हुए और हाथ में तलवार लहराते देखे गए. उन्होंने कहा, 'रामनवमी पर हथियार प्रदर्श‍ित करने की हमारी परंपरा रही है. राम सिर्फ धार्मिक हस्ती नहीं बल्कि राजनीतिक भी हैं. वह राजा थे. ममता जी को यह समझना चाहिए कि ये परंपराएं तब से चल रही हैं, जब उनकी पार्टी का अस्तित्व भी नहीं था.'

बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थो चटर्जी ने इसकी आलोचना करते हुए कहा, 'डीजे बजा कर इस तरह से रामनवमी मनाना भगवान राम का अपमान है. वे इसका मजाक बना रहे हैं. बंगाल के लोग राम का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल नहीं होने देंगे.' 

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