तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में बेंगलुरु में एक विशेष अदालत आज फैसला सुनाएगी.
जानकारों के अनुसार कोर्ट के फैसले में जयललिता को छह से सात साल जेल की सजा मिल सकती है. दोषी पाए जाने पर उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ेगा. इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट के फैसले के खिलाफ सैंकड़ों की तादाद में जयललिता की पार्टी AIADMK के नेता बेंगलुरु में जुटेंगे. इसके लिए एहतियातन बेंगलुरु में अलर्ट जारी कर दिया गया है. कोर्ट को भी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है.
स्पेशल जज जॉन माइकल डिकुन्हा शनिवार को पारापन्ना अग्रहरा जेल कैंपस में बनाए गए अस्थायी अदालत में फैसला सुनाएंगे. इस जगह को पांच स्तरीय सुरक्षा से किले में तब्दील कर दिया गया है. शुक्रवार को कोर्ट के फैसले के कागजात नए परिसर में पहुंचाए गए. कोर्ट के पास कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस, नगर के आर्म्ड रिजर्व और रैपिड ऐक्शन फोर्स को तैनात किए जाने की संभावना है. इसके अलावा सैकड़ों पुलिसकर्मी सादे कपड़े में भी तैनात होंगे. मामले पर 20 सितंबर को ही फैसला आना था. लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे 27 सितंबर तक के लिए टाल दिया गया था.
जयललिता पर 1991-96 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद से आय के स्रोतों से 66 करोड़ रुपए ज्यादा संपत्ति इकट्ठा करने का आरोप है. उनकी निकट सहयोगी शशिकला नटराजन, उनकी रिश्तेदार इलावरासी, उनके भतीजे और जयललिता द्वारा बेदखल किए जा चुके उनके गोद लिए गए बेटे सुधाकरन समेत अन्य को मामले में आरोपी बनाया गया है. तमिलनाडु सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने इसे चेन्नई की विशेष अदालत में 1996 में केस दायर किया था.