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तीन दिन बाद आख‍िर दर्ज हुआ बंगलुरु छेड़छाड़ मामले में एफआईआर

नए साल की पूर्व संध्या पर बंगलुरु में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की शर्मनाक घटना के तीन दिन बाद आखिरकार पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है. पुलिस ने दावा किया है कि उसे छेड़छाड़ की इस घटना में 'विश्वसनीय' सुबूत मिल गए हैं और इसके आधार पर एफआईआर दर्ज किया गया है.

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बंगलुरु में हुई थी छेड़छाड़ की शर्मनाक घटना
बंगलुरु में हुई थी छेड़छाड़ की शर्मनाक घटना

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नए साल की पूर्व संध्या पर बंगलुरु में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की शर्मनाक घटना के तीन दिन बाद आखिरकार पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है. पुलिस ने दावा किया है कि उसे छेड़छाड़ की इस घटना में 'विश्वसनीय' सुबूत मिल गए हैं और इसके आधार पर एफआईआर दर्ज किया गया है.

गौरतलब है कि 31 दिसंबर यानी न्यू ईयर के जश्न की रात हर साल की तरह बंगलुरु के एमजी रोड और ब्रिगेड रोड पर हजारों की संख्या में लड़के-लड़कियां जमा हुए थे. जश्न की तैयारियों को लेकर पूरे इलाके में तकरीबन डेढ़ हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. इसी दौरान वहां पहुंचे कुछ हुड़दंगियों ने लड़कियों के साथ जोर-जबरदस्ती की कोशिश की. मनचले उन्हें जबरन छूने लगे और उन पर अश्लील फब्तियां कसने लगे.

रात तकरीबन 11 बजे वहां पहुंचे कुछ हुड़दंगियों की वजह से वहां अफरा-तफरी मच गई. पार्टी में शामिल हुए हुड़दंगी लड़कियों को जहां-तहां हाथ लगाने लगे, महिलाओं पर फूहड़ फब्तियां कसने लगे. कुछ आरोपियों ने महिलाओं के कपड़े उतारने तक की कोशिश की. चश्मदीदों की मानें तो हालात इतने खराब हो गए कि महिलाएं सैंडल उतारकर मदद के लिए इधर-उधर भागने लगी. कुछ मिनटों तक चला खौफ का यह पूरा खेल पुलिस की मौजूदगी में खेला गया.

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पुलिस की भूमिका को लेकर गुस्सा
पुलिस ने दावा किया था कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 1,500 पुलिस कर्मी तैनात थे. पुलिस पहले यह कह रही थी कि इस घटना की शिकायत करने के लिए कोई सामने नहीं आया है. इस घटना में पुलिस की भूमिका को लेकर लोगों में बहुत गुस्सा था. बेंगलुरु के नए पुलिस कमिश्नर प्रवीण सूद ने मंगलवार रात लगातार कई ट्वीट कर कहा कि उनकी टीम इस मसले पर चुपचाप काम कर रही है.

सूद ने कहा, 'जैसा कि हमने वादा किया था, इस घटना में हमने विश्वसनीय सुबूत जुटा लिए हैं. हमने एफआईआर दर्ज कर इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है. डीसीपी रैंक के अध‍िकारी द्वारा मामले की जांच की जा रही है.' उन्होंने बताया कि एमजी रोड पर लगे 45 कैमरों के फीड पुलिस ने हासिल कर लिए हैं.

अबू आजमी के बयान पर हंगामा
उधर समाजवादी पार्टी नेता अबू आजमी ने बंगलुरु की घटना पर शर्मनाक बयान दिया है. उन्होंने नए साल के मौके पर बंगलुरु में लड़कियों से हुई छेड़छाड़ के लिए उनके पहनावे को जिम्मेदार ठहराया है. अबू आजमी ने कहा कि जहां पेट्रोल होगा, वहीं आग लगेगी. अबू के इस बयान के बाद उनकी चौतरफा आलोचना हो रही है. शोभा डे ने बेंगलुरु की घटना पर ट्वीट कर कहा, 'बंगलुरु के मर्दों: जीना सीखो. औरतों से छेड़खानी आपकी यौन कुंठा को ही दर्शाता है. इस कॉस्मोपॉलिटन, जीवंत शहर को क्या हो गया है?' उन्होंने अबू आजमी के बयान पर एक तरह से अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'यदि 'आधे ड्रेस' वाली औरतें छेड़ने के लिए हैं तो 'आधे ड्रेस' वाले मर्दों के बारे में क्या ?'

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महिला संगठनों ने कार्रवाई की मांग की
छेड़छाड़ को लेकर सपा नेता अबू आजमी के बयान की महिला संगठनों ने निंदा की हैं. महिला अधिकार कार्यकर्ता वृंदा अडिग ने कहा कि महिलाओं को ही जिम्मेदार ठहरा देना काफी संकीर्ण सोच को दर्शाता है. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. महाराष्ट्र महिला आयोग से अबू आजमी के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर चेयरमैन विजया राहतकर ने कहा कि हम इस मामले में कानून को देखेंगे. हम देखेंगे कि उन्होंने क्या कहा है उसी के बाद आगे के कदम के बारे में फैसला ले सकते हैं.

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