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बैडमिंटन लीग वालों ने धोखा दिया है हमें, बोलीं ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा

आईपीएल की तर्ज पर शुरू की गई इंडियन बैडमिंटन लीग (आईबीएल) अपने पहले सेशन की नीलामी के साथ ही विवादों में आ गई है. इंडिया की बेस्ट डबल्स शटलर जोड़ी ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा ने लीग के संचालकों पर धोखा देने का आरोप लगाया है.

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अश्विनी पोनप्पा और ज्वाला गुट्टा
अश्विनी पोनप्पा और ज्वाला गुट्टा

आईपीएल की तर्ज पर शुरू की गई इंडियन बैडमिंटन लीग (आईबीएल) अपने पहले सेशन की नीलामी के साथ ही विवादों में आ गई है. इंडिया की बेस्ट डबल्स शटलर जोड़ी ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा ने लीग के संचालकों पर धोखा देने का आरोप लगाया है. गौरतलब है कि रविवार को लीग की नीलामी में छह में से यही दोनों आइकन खिलाड़ी ऐसे थे, जिन्हें किसी भी फ्रेंचाइजी ने नहीं खरीदा. इसके बाद लीग को फौरन अपने नियम में बदलाव करना पड़ा और सोमवार को ज्वाला के साथ डेल्ही स्मैशर्स ने 31 हजार अमेरिकी डॉलर का अनुबंध किया. वहीं अश्विनी को पुणे पिस्टंस को दिया गया 25 हजार अमेरिकी डॉलर में.इन दोनों खिलाड़ियों को हुए आर्थिक नुकसान को देखते हुए लीग कुछ रकम बतौर क्षतिपूर्ति भी देगी. ज्वाला को 19 हजार अमेरिकी डॉलर मिलेंगे, जबकि अश्विनी को 25 हजार.

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डबल्स मैच न होने के चलते हुआ यह सब

जानकार बताते हैं कि लीग में डबल्स मैच का फॉर्मेट न होने के चलते ज्वाला और अश्विनी के साथ ऐसा हुआ.संचालकों ने बताया कि जब लीग का शुरुआती प्रारूप बना तो उसमें डबल्स मैच रखे गए थे. उसी के चलते इन दोनों खिलाड़ियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया गया. मगर फिर लीग को डबल्स के काबिल और चर्चित चेहरे नहीं मिले. ऐसे में यह इवेंट ड्रॉप कर दिया गया. इसके बदले पुरुषों के सिंगल्स मैच में इजाफा कर दिया गया. रविवार को जब लीग के संचालकों ने देखा कि कोई भी फ्रेंचाइजी इन दोनों खिलाड़ियों में रुचि ही नहीं दिखा रही है, तो नीलामी अगले दिन तक के लिए टाल दी गई. बैकरूम मैनेजमेंट के बाद सोमवार को खुली नीलामी शुरू हुई तो गवर्निंग काउंसिल ने ऐलान किया कि दोनों खिलाड़ियों का बेस प्राइज घटा दिया गया है.दोनों खिलाड़ियों का बेस प्राइज 50 हजार अमेरिकी डॉलर से घटाकर ठीक आधा यानी 25 हजार अमेरिकी डॉलर कर दिया गया. इन खिलाड़ियों को इस कदम से होने वाले नुकसान की भरपाई का भरोसा दिया गया.

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हमारे मुंह पर तमाचा मारा गया हैः अश्विनी

एक न्यूजपेपर से बात करते हुए अश्विनी ने कहा कि ये हमारे मुंह पर तमाचे की तरह है. उन्होंने कहा कि ‘मेरे साथ धोखा किया गया है.हमें बताया गया था कि हम छह आइकन प्लेयर हैं. हम पूरे देश में इस लीग का आइकन प्लेयर की तरह प्रमोशन कर रहे थे. फिर अचानक से ये सारे बदलाव कर दिए गए और हमें बताने तक की जरूरत नहीं समझी गई.’

हम पैसों के लालच के लिए इसमें नहीं आए थेः ज्वाला

उधर ज्वाला गुट्टा बोलीं कि हम लीग में पैसों के लालच में नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि ‘हम बस इतना चाहते थे कि जिस तरह से दूसरे आइकन प्लेयर्स की इज्जत की जा रही है, वैसा ही सुलूक हमारे साथ भी किया जाए. मगर ऐसा नहीं हुआ. यह बहुत बड़ा झटका है हमारे लिए. सच कहूं तो समझ ही नहीं आ रहा कि क्या कहूं इस पूरे मसले पर. काफी शर्मनाक है यह. मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक प्रफेशनल लीग में ऐसा भी हो सकता है.’

इन दोनों खिलाड़ियों को इस बात पर भी गुस्सा आया कि नीलामी का दौर पूरा होने के बाद भी आयोजकों ने उन्हें कुछ नहीं बताया.

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किसी ने खरीदा ही नहीं तो हम क्या करें

उधर इस पूरे मसले पर सफाई देते हुए लीग के आयोजकों में से एक आशीष चड्ढा ने कहा कि सभी आइकन प्लेयर्स के लिए बंद नीलामी हुई थी. देर रात तक यह प्रोसेस चला. कोई भी फ्रेंचाइजी ज्वाला और अश्वनी को तय किए प्राइज पर खरीदने के लिए तैयार नहीं थी.ऐसे में सभी फ्रेंचाइजी और लीग की गवर्निंग काउंसिल ने तय किया कि बेस प्राइज घटाकर खुली नीलामी की जाए. लेकिन इन खिलाड़ियों ने कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है और हमें उनके हितों की रक्षा करनी थी. इसलिए तय किया गया कि तय से कम रकम की नीलामी होने पर लीग क्षतिपूर्ति करेगी.

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