देश के मशहूर औद्योगिक घराने टाटा के प्रमुख रतन टाटा ने समूह में निदेशक मंडल स्तर पर बढ़ती खींचतान के बीच मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की.
टाटा समूह की धारक कंपनी टाटा संस के चेयरमन पद से सायरस मिस्त्री को पिछले माह हटाए जाने के बाद रतन टाटा फिर से कंपनी के चेयरमैन बना दिए गए हैं. उन्हें दोबारा यह पद नए अध्यक्ष के चयन तक चार माह के लिए दिया गया है पर टाटा और मिस्त्री खेमे में खींचतान बढ़ गई है.
टाटा की मंगलवार को जेटली के साथ आधे घंटे से अधिक समय तक मुलाकात चली. जेटली कंपनी मामलों के मंत्रालय के भी प्रभारी हैं. रतन टाटा ने इस मुलाकात के बाद वित्त मंत्री के साथ अपनी बातचीत के बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
रिपोर्टों के मुताबिक रतन टाटा ने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर समूह के नेतृत्व में बदलाव के बारे में जानकारी दी थी. टाटा समूह सालाना 100 अरब डॉलर से अधिक का कारोबार करता है. समझा जाता है कि टाटा ने प्रधामंत्री से भी मुलाकात का समय मांगा है. मिस्त्री ने भी मोदी और जेटली से समय मांगा था. सरकार ने फिलहाल टाटा समूह में निदेशक मंडल स्तर पर चल रहे दाव पेंच से अपने को अलग रखा है और इसे टाटा संस का आंतरिक मामला बताया है.