उत्तराखंड में सैलाब के सितम के बाद लगातार बारिश से अब भागीरथी भी उफान पर है. नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. प्रशासन ने भागीरथी के किनारे बसे सभी लोगों को पहले से ही अलर्ट कर दिया है.
इस बीच उत्तराखंड में बारिश और बादल फटने की घटना के बाद आई प्राकृतिक आपदा में सैकड़ों लोगों की मौत और जानमाल के भारी नुकसान के बाद पर्वतीय राज्यों में डाप्लर रडार समेत अत्याधुनिक भविष्यवाणी प्रणाली स्थापित करने की मांग उठ रही है.
बादल फटने, तूफान, चक्रवात और बारिश जैसी आपदाओं के बारे में सटीक भविष्यवाणी के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में 14 डाप्लर रडार लगाये गए लेकिन उत्तराखंड में अभी तक एक भी डाप्लर रडार स्थापित नहीं किया गया है.
कई वर्गों की ओर से ऐसे आरोप लग रहे हैं कि जब बादल फटने और अन्य तरह की प्राकृतिक घटनाओं का प्रभाव उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्यों में ज्यादा देखने को मिलता है तब प्रथम चरण के तहत यहां डाप्लर रडार क्यों नहीं लगाये गए जबकि मैदानी क्षेत्रों को तरजीह दी गई.