मध्य बीजिंग स्थित खूबसूरत ‘चाओ यांग’ पार्क में गांधी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी द्वारा लिखे गए भजनों और उनके सिद्धांत वाक्यों की गूंज सुनाई दी.
इस अवसर पर भारतीय बच्चों ने जहां ‘‘रघुपति राघव राजा राम..’’ गाया वहीं चीनी बच्चों ने गांधी जी के ‘‘क्षमा कमजोरों नहीं वीरों का आभूषण है शक्ति आपके शरीर से नहीं बल्कि अदम्य इच्छाशक्ति से पैदा होती है’’ जैसे सिद्धांत वाक्य दोहराए.
वर्ष 2005 में बीजिंग के पार्क में जबसे चीन के जाने माने मूर्तिकार युआन जिकुन द्वारा निर्मित महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित हुई है तब से दो अक्टूबर का दिन यहां भी काफी महत्वपूर्ण हो गया है.
भारतीय सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मौजूद युआन ने कहा, ‘गांधी महान नेताओं में से एक हैं. राजनीतिक आंदोलनों के साथ आध्यात्मिकता को जोड़ने वाले उनके संदेशों ने मुझे उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी प्रतिमा बनाने को प्रेरित किया.’
उन्होंने कहा कि समर्पण भावना स्व नियंत्रण और आत्म प्रेरणा जैसी गांधी की विचारधारा और कन्फ्यूशियस मेंगजी लाओजी तथा झुआंगजी जैसे चीन के प्राचीन विचारकों की विचारधाराओं में बहुत सी समानताएं हैं. पार्क में स्थापित युआन द्वारा निर्मित गांधी जी की कांस्य प्रतिमा एक शांत झील को देखती नजर आती है.
युआन एक कलाकार ही नहीं बल्कि एक प्रभावशाली राजनीतिज्ञ भी रहे हैं. वह चीन की 11वीं ‘पीपुल्स पालिटिकल कंसल्टेटिव कान्फ्रेंस’ की स्थाई समिति के सदस्य और ‘जिन तई आर्ट म्यूजियम’ के क्यूरेटर भी रहे. गांधी जी के अतिरिक्त उन्होंने रविंद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा भी बनाई है जो पार्क से लगते संग्रहालय में स्थापित है.
इस अवसर पर चीन में भारत के उप राजदूत राहुल छाबड़ा ने कहा कि गांधी जी के अहिंसा संदेश को मान्यता देने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने दो अक्टूबर के दिन को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया है.