सवर्ण जातियों के कई बड़े समूहों ने SC/ST एक्ट के विरोध में गुरुवार को भारत बंद किया. भारत बंद का सबसे ज्यादा असर बिहार और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा देखने को मिला. इन राज्यों के कई हिस्सों में लोगों ने ट्रेन रोकी, आगजनी की और सड़कों को पूरी तरह से बंद कर दिया.
गुरुवार को सवर्णों के भारत बंद के ऐलान के मद्देनजर मध्य प्रदेश के कई जिलों में धारा 144 पहले से ही लागू कर दी गई. वहीं अन्य राज्यों में भी सरकारें अलर्ट पर हैं. सवर्णों के इस भारत बंद का असर जिन-जिन राज्यों में देखने को मिल रहा है, यहां पढ़ें...
बिहार
भारत बंद को लेकर बिहार में अच्छा खासा असर देखा गया. बिहार के खगड़िया में सवर्णों के समूह ने NH-31 पर जाम लगाया. यहां पर लोगों ने मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. लोगों की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है, उसका पालन किया जाए. बिहार के लखीसराय जिले में भी लोगों ने NH-80 को जाम कर दिया.
बिहार के आरा में सवर्णों ने आरा रेलवे स्टेशन के पास लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस को रोक दिया. यहां लोगों का कहना था कि देश में SC/ST कानून में जल्द बदलाव नहीं किया गया, तो इससे भी बड़ा आंदोलन देश में होगा.
छपरा में सवर्णों ने NH-19 पर जाम लगाया. बड़ी संख्या में लोग मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़कों पर उतरे. मधुबनी में सवर्ण आंदोलनकारियों ने एनएच-105 पर जाम लगाया. लोग केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे.
पिछली हिंसा से सबक लेते हुए प्रशासन ने इस बार कई जिलों में अलर्ट जारी कर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की. भीड़ से निपटने के लिए आंसू गैस के गोले भी थानों में पहुंचाए गए.
बिहार के मुजफ्फरपुर में भी SC/ST एक्ट के विरोध में कई जगह सड़क जाम किया गया. वहीं, नवादा में भारत बंद के दौरान लोगों ने घूम-घूमकर बाजार को बंद कराया. यहां पर राजगीर पथ पर लोगों ने आगजानी कर सड़क को जाम किया. बिहार के दरभंगा और मसूदन में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों को रोका और सड़कों पर उतरे.
गुरुवार को बंद के दौरान बिहार के आरा में बंद समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई. इस दौरान बंद समर्थकों ने पुलिस पर पथराव भी किया. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए बंद समर्थकों पर लाठीचार्ज किया. सूत्रों की मानें तो आरा में फायरिंग भी हुई. घटना शहर के नवादा थाना क्षेत्र के जगदेव नगर मुहल्ले की है.
मध्य प्रदेश
भारत बंद को देखते हुए मध्य प्रदेश के 10 जिलों में धारा 144 लागू की गई. मध्य प्रदेश के भिंड, ग्वालियर, मोरेना, शिवपुरी, अशोक नगर, दतिया, श्योपुर, छतरपुर, सागर और नरसिंहपुर में धारा 144 लागू की गई. इस दौरान यहां पर पेट्रोल पंप, स्कूल, कॉलेज बंद रहे. मध्य प्रदेश में ड्रोन के जरिए भी प्रदर्शनकारियों पर नज़र रखी गई.
Bhopal: High alert issued in 35 districts across the state in view of #BharatBandh against amendments in SC/ST Act. 34 companies of security forces and 5000 security personnel deployed. Section 144 imposed in several districts. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/OLcRV9pjxy
— ANI (@ANI) September 6, 2018
बता दें कि इससे पहले एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को 'भारत बंद' बुलाया था, तब सबसे ज्यादा हिंसा मध्य प्रदेश के ग्वालियर और चंबल संभाग में हुई थी. इस वजह से इस बार प्रशासन 'भारत बंद' को देखते हुए पूरी तरह सतर्क है.
राजस्थान
एससी/एसटी एक्ट में संशोधन लाए जाने के विरोध में राजस्थान में अगड़ी जातियों के लोग सड़क पर उतरे. गुरुवार सुबह से ही भारत बंद का असर यहां भी दिखा और जयपुर के स्कूल, कॉलेज और मॉल सब बंद नज़र आए.
राजस्थान में सर्व समाज संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जातियों को आपस में लड़ाना चाहती है, लेकिन हम इसे पूरा नहीं होने देंगे. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में भी भारत बंद का असर दिखा. यहां पूरी तरह से बाजार बंद रहे. इस क्षेत्र में करणी सेना की अगुवाई में प्रदर्शन हुआ.
उत्तर प्रदेश
भारत बंद को देखते हुए उत्तर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई. राज्य के 11 जिलों में अलर्ट जारी किया गया. राजधानी लखनऊ समेत बिजनौर, इलाहाबाद, आजमगढ़, बरेली जैसे कई शहरों में पुलिस को अलर्ट पर रखा गया, ताकि किसी भी तरह के हालातों से निपटा जा सके.
उत्तर प्रदेश के संभल और मुजफ्फरनगर में भी धारा 144 लागू कर दी गई. लखनऊ, इलाहाबाद, कानपुर जैसे बड़े शहरों में गुरुवार को बाजार पूरी तरह से बंद रहे. नोएडा में सवर्णों के समूहों ने विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान लोग काली पट्टी बांध सड़कों पर उतरे और सरकार विरोधी नारे लगाए.
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के ठाणे में भी सवर्ण समूह के लोगों ने प्रर्दशन किया. इस दौरान लोगों ने सड़कों पर उतर सरकार विरोधी नारे लगाए. लोगों का कहना था कि केंद्र सरकार को तुरंत अपना आदेश वापस लेना चाहिए और जैसा सुप्रीम कोर्ट ने कहा था SC/SC एक्ट को वैसा ही करना चाहिए.