भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मंगलवार(17 सितंबर) को तिरंगा फहराकर तेलंगाना लिबरेशन डे बनाया. इसी के साथ राज्य में राष्ट्रवाद की लहर पैदा करने की कोशिश में बीजेपी जुटी है. तेलंगाना में पार्टी कार्यालय पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और जी किशन रेड्डी ने तिरंगा फहराया. बीजेपी ने राज्य की टीआरएस सरकार से 17 सितंबर को 'तेलंगाना मुक्ति दिवस' घोषित करने की मांग की थी. वहीं इस संबंध में तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन से भी बीजेपी माग कर चुकी है. बीजेपी आगे के दिनों में भी लिबरेशन डे को लेकर राज्य में कार्यक्रम करेगी.
दरअसल, बीजेपी का मानना है कि देश को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली थी लेकिन हैदराबाद का भारत में विलय 17 सितंबर 1948 को आजाद हुआ. तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ पटेल के निर्देश पर पुलिस कार्रवाई के बाद विलय की प्रक्रिया हुई थी. उस वक्त हैदराबाद के निजाम विलय के लिए राजी नहीं हो रहे थे. जिस पर केंद्र सरकार को सैन्य कार्रवाई करनी पड़ी थी.
सेना की ओर से हैदराबाद के विलय के लिए 13 सितंबर से 17 सितंबर 1948 तक चलाए कुल 109 घंटे के अभियान को ऑपरेशन पोलो नाम दिया गया था. आखिरकार 17 सितंबर को हैदराबाद के निजाम ने अपनी सेना के साथ आत्म समर्पण कर दिया था. जिसके बाद हैदराबाद का सफलतापूर्वक भारत मे विलय हो गया.
बीजेपी पिछले 20 साल से 17 सितंबर को 'तेलंगाना मुक्ति दिवस' के तौर पर मनाने के लिए जोर देती आ रही है. जबकि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार ऐसा कोई भी समारोह मनाने के खिलाफ है और बीजेपी की इस मांग को खारिज करती रही है. बता दें कि अतीत में बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी ने 1999 में हैदराबाद में एक सार्वजनिक रैली में 17 सितंबर को आधिकारिक तौर पर 'तेलंगाना मुक्ति दिवस' के रूप में मनाने पर जोर दिया था.