आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से मुलाकात कर अपने ऊपर की गई प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर नाराजगी जताई है. भगवंत मान ने लोकसभा स्पीकर को एक पत्र दिया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि प्रधानमंत्री ने उनको लेकर जो टिप्पणी की थी उसे सदन की कार्यवाही से बाहर किया जाए. उन्होंने कहा इससे ये साफ हो जाएगा कि प्रधानमंत्री ने गलत टिप्पणी की है.
भगवंत मान ने पहले बीजेपी के लिए 'भारतीय जुमला पार्टी' शब्द का इस्तेमाल किया था जिसे लोकसभा की कार्यवाही से एक्सपंज कर दिया गया. अब मान चाहते हैं कि इसी तरह से प्रधानमंत्री के भाषण के उस अंश को भी कार्यवाही से बाहर किया जाना चाहिए. स्पीकर को लिखे पत्र में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने मेरे लिए कुछ ऐसे शब्द बोले जिससे वो आहत हुए हैं. अगर आप उसे एक्सपंज नहीं करती हैं तो एक सांसद के तौर पर मेरा अधिकार है कि आप प्रधानमंत्री के खिलाफ मेरा विशेषाधिकार प्रस्ताव स्वीकार करें, जैसे मेरे मामले को प्रिविलेज कमेटी को सौंपा गया था.
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'आजतक' से खास बातचीत में भगवंत मान ने कहा प्रधानमंत्री से खुद पूछा जाए कि उन्होंने क्या बोला लेकिन जो भी उन्होंने बोला उससे मैं दुखी हूं. वह ऐसे बोल रहे थे जैसे कि मोरारी बापू प्रवचन दे रहे हों. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने मेरे बारे में जो कहा उसके पीएम के पास क्या सबूत हैं. भगवंत मान का कहना है कि मोदी को ये साफ लग गया है कि वह पंजाब में हार रहे हैं इसलिए वो ऐसी बातें कर रहे हैं.
पीएम ने की थी ये टिप्पणी
गौरतलब है कि मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हो रही चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो चार्वाक के सिद्धांत पर चलते हैं चार्वाक ने कहा था 'ऋण कृत्वा घृतम् प्रवेश' यानी कर्जा लो और घी पियो पर शायद भगवंत मान होते तो कुछ और ही पीने को कहते. आपको बता दें कि भगवंत मान पर संसद और जनसभाओं में शराब पीकर आने के आरोप लग चुके हैं.