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भीम आर्मी का प्रदर्शन तो परशुराम जयंती की रैलियां आज, प्रशासन सचेत

एक ही दिन होने वाली इन रैलियों और प्रदर्शन की वजह से प्रशासन सचेत है. क्‍योंकि इससे पहले मार्च के आखिर में राम नवमी की रैलियों को बाद देश के कई शहरों में हिंसा भड़क गई थी.

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प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

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आज का दिन रैलियों और प्रदर्शन के नाम रहने वाला है. दरअसल, आज परशुराम जयंती है. ऐसे में जहां देश के कई शहरों में रैलियां निकाली जाएंगी. वहीं, दिल्‍ली के संसद मार्ग पर दलितों से जुड़ा संगठन भीम आर्मी भी एक बड़ा प्रदर्शन कर रहा है. एक ही दिन होने वाली इन रैलियों और प्रदर्शन की वजह से प्रशासन सचेत है. क्‍योंकि इससे पहले मार्च के आखिर में राम नवमी की रैलियों को बाद देश के कई शहरों में हिंसा भड़क गई थी.

भीम आर्मी क्‍यों कर रही प्रदर्शन?

भीम आर्मी दिल्‍ली के संसद मार्ग पर प्रदर्शन कर रही है. उनकी मांग है कि भारत बंद के दौरान गिरफ्तार किए गए दलितों को छोड़ा जाए. साथ ही उनपर से मुकदमा भी हटाया जाए. इसके अलावा भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर को जेल से रिहा किया जाए. बता दें, चंद्रशेखर को एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत गिरफ्तार कर जेल में रखा गया है.

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परशुराम जयंती पर ब्राह्मण समुदाय की रैली

परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं. अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है. ब्राह्मणों के आदर्श परशुराम की जयंती पर अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ और इससे जुड़ अन्‍य संगठन देश के कई शहरों में रैलियां निकालेंगे. इसके साथ ही कई शहरों में व्याख्यान और सभाएं भी होंगी. राम नवमी की रैली में हुई हिंसा के बाद इस रैली के मद्देनजर प्रशासन सचेत है.

क्‍या है आशंकाएं

ऐसी आशंका जताई जा रही है कि भीम आर्मी के प्रदर्शन और परशुराम जयंती की रैलियां एक ही दिन होने से माहौल खराब हो सकता है. ऐसे में प्रशासन भीम आर्मी के गढ़ माने जाने वाले सहारनपुर और मेरठ से सटे इलाकों में सचेत है. हालांकि, उनका प्रदर्शन दिल्‍ली में हो रहा है, ऐसे में बवाल की कम आशंका है. इसके बावजूद भी प्रशासन अपनी ओर से सतर्कता बरत रहा है. वहीं, परशुराम की जयंती को लेकर महाराष्‍ट्र में ज्‍यादातर रैलियों होनी है. वहां भी प्रशासन कड़ी चौकसी बनाए हुए है.

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