महाराष्ट्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को रिहा करने का आदेश दिया था. 1 अक्टूबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने गौतम नवलखा को नजरबंदी से रिहा करने का आदेश दिया था और कहा कि उनकी हिरासत कानून के तहत 'असमर्थनीय' है.
महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है. महाराष्ट्र सरकार की मांग है कि उनकी याचिका पर आज ही सुनवाई की जाए. उम्मीद जताई जा रही है कि दोपहर 12 बजे के बाद इस पर सुनवाई हो सकती है.
आपको बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की एक पीठ ने निचली अदालत के उस आदेश को भी रद्द कर दिया था, जिसमें महाराष्ट्र पुलिस को नवलखा को पुणे ले जाने की इजाजत दी गई थी.
नवलखा को प्रतिबंधित नक्सली समूह के साथ कथित रूप से संबंधों के लिए 28 अगस्त को देश भर में महाराष्ट्र पुलिस द्वारा मारे गए छापों में गिरफ्तार किया गया था, वह गिरफ्तार पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं में से एक हैं.
इसके बाद उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र पुलिस को नवलखा को दिल्ली से बाहर नहीं ले जाने का निर्देश दिया था और अगले आदेश तक उन्हें नजरबंद रखने को कहा था.