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भीमा कोरेगांव मामला: गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबड़े को झटका, जमानत याचिका खारिज

1 जनवरी, 2018 को पुणे जिले के भीमा कोरेगांव में हिंसा के बाद गौतम नवलखा, आनंद तेलतुंबड़े और कई अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुणे पुलिस ने केस दर्ज किया था.

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गौतम नवलखा (फाइल फोटो)
गौतम नवलखा (फाइल फोटो)

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  • लेखक गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबड़े की जमानत याचिका खारिज
  • अदालत ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए चार हफ्ते का वक्त दिया

भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबड़े की जमानत याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है. शुक्रवार को जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने दोनों आरोपियों को झटका दिया. हालांकि, अदालत ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है.

बता दें कि 1 जनवरी, 2018 को पुणे जिले के भीमा कोरेगांव में हिंसा के बाद गौतम नवलखा, आनंद तेलतुंबड़े और कई अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुणे पुलिस ने केस दर्ज किया था. उनपर माओवादियों से संबंध होने का आरोप है. पुणे पुलिस के अनुसार, 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद के सम्मेलन में भड़काऊ भाषणों ने अगले दिन भीमा कोरेगांव में जातिगत हिंसा भड़का दी थी. पुलिस के मुताबिक, सम्मेलन माओवादियों द्वारा समर्थित था.

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इससे पहले पुणे सेशंस कोर्ट ने भी गौतम नवलखा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की थी. सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से चार हफ्ते की अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी.

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कोर्ट ने गौतम नवलखा को अग्रिम जमानत के लिए संबंधित अदालत में जाने को कहा था. इससे पहले पुणे सेशंस कोर्ट ने 6 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज की थी. ये आरोपी रोना विल्सन, शोमा सेन, सुरेंद्र गडलिंग, महेश राउत, वरवरा राव और सुधीर धवले हैं.

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