भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा का मामला गुरुवार को सदन में छाया रहा. कई सांसदों ने इस मामले पर चर्चा का नोटिस दिया था, जिसे सभापति ने मंजूर कर लिया. चर्चा शुरू होने से पहले ही सभापति ने सब को चेताया कि अपने भाषण के दौरान सभी सांसद ध्यान रखें कि भावनाओं को भड़काने या सियासत करने का काम ना हो. जानिए राज्यसभा में हुई चर्चा में किस सांसद ने क्या कहा...
रजनी पाटिल ने मनुवादी विचारधारा को कोसा
राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल ने की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सब कुछ जानते हुए भी विजय उत्सव के दिन पर्याप्त बंदोबस्त नहीं किए. उनका आरोप था कि 28 दिसंबर को भी वधू में घटना हुई थी, इसके मद्देनजर सरकार को वहां पर सुरक्षा और चाक-चौबंद करनी चाहिए थी लेकिन कहीं ना कहीं सरकार की इसमें मिलीभगत रही.
शरद पवार ने की शांति रखने की अपील
वहीं एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि 200 साल से वहां पर विजय उत्सव मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले 50 वर्षों में मेरी जानकारी के मुताबिक वहां कभी भी कोई वाकिया नहीं हुआ. ऐसे में कुछ सांप्रदायिक तत्व महाराष्ट्र का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. न्यायिक जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें जल्द से जल्द कार्यवाही हो. इस पर सियासत ना करने की अपील करते हुए शरद पवार ने कहा जो हुआ सो हुआ अब आगे मैं सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं.
गौरतलब है शरद पवार के भाषण की सराहना में अमित शाह समेत तमाम ट्रेज़री बेंच में बैठे सदस्यों ने मेज थपथपाई. वही सभापति ने कहा कि शरद पवार बहुत ही परिपक्व नेता हैं और उन्होंने जो कहा उस पर सब को ध्यान देना चाहिए है.
घटना के बाद पुलिस दलितों को कर रही है प्रताड़ित
बसपा नेता वीर सिंह ने इस मामले की सुप्रीम कोर्ट की सीटिंग जज से जांच की मांग करते हुए कहा कि वहां पर हुई युवा योगेश प्रताप यादव की मौत पर पुलिस ने भी कोई कार्यवाही नहीं की है. घटना के बाद बेवजह दलितों को प्रताड़ित करके उन पर कार्यवाही के नाम पर पुलिस अत्याचार कर रही है. जिसको तुरंत रोकना चाहिए.
संजय रावत बोले- घटना के पीछे इनविजिबल हैंड
शिवसेना के नेता संजय रावत ने इस पूरे मसले को एक नया ट्विस्ट देते हुए कहा कि इस घटना के पीछे एक इनविजिबल हैंड है. जो डिवाइड एंड रूल की पॉलिसी के तहत लोगों की भावनाओं को भड़काने और समाज को बांटने का काम कर रहा है. राज्य सरकार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने मौके पर उचित कार्रवाई की है.
पॉलिटिकल लिंचिंग बंद हो
तृणमूल कांग्रेस के नेता नदीम उलहक ने कहा कि जगह जगह दलितों की पिटाई हो रही है. माइनॉरिटी सुरक्षित नहीं है. यह पॉलिटिकल लिंचिंग बंद होनी चाहिए और इस पूरे मसले की निष्पक्ष रुप से कार्रवाई होनी चाहिए.
भाजपा के पैरेलल संगठन इसके पीछे
समाजवादी पार्टी नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि जब से भाजपा की सरकार आई है, तब से तमाम जो भाजपा के पैरेलल संगठन हैं, वह खुद को ही सरकार मानने लगे हैं. इस मसले पर एक कमीशन ऑफ इंक्वायरी गठित होना चाहिए जो निष्पक्ष रुप से जल्द से जल्द जांच करे. भाजपा सांसद अमर शंकर साबले ने जिग्नेश मेवानी और उमर खालिद का नाम घसीटते हुए कहा कि इन्होंने भड़काऊ भाषण दिया और दंगा भड़काने का काम किया है.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह दे सकते हैं बयान
इस मसले पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह सदन के पटल पर अपना बयान देंगे. गौरतलब है कि बुधवार को इस मसले पर कई बार लोकसभा राज्यसभा में हंगामा हुआ और विपक्षी दल लगातार चर्चा की मांग कर रहे थे.