मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी और भोपाल की नई सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की एक अर्जी को अदालत ने ठुकरा दिया है. साध्वी प्रज्ञा ने अपनी अर्जी में ये कहकर कोर्ट से पेशी से छूट मांगी थी कि उन्हें संसद से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी करनी है, लेकिन अदालत ने उनका ये तर्क खारिज कर दिया और इसी सप्ताह पेश होने को कहा है. विशेष एनआईए जज वी एस पडालकर ने कहा कि मालेगांव केस जिस मोड़ पर है वहां अदालत में उनकी हाजिरी जरूरी है.
2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा समेत 7 लोग आरोपी हैं. अदालत ने साध्वी प्रज्ञा की याचिका को ठुकराते हुए कहा कि अर्जी में बताई गई वजह जैसे कि चुनाव की प्रक्रिया पूरी करना, संसद में पंजीयन और दूसरे तथ्य को बार-बार स्वीकार नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने वादा किया था कि वह इस कोर्ट में हाजिर रहेंगे. कोर्ट ने कहा कि इस समय अहम गवाहों को पेश किया जा रहा है ताकि आरोपियों के खिलाफ केस साबित किया जा सके, इसलिए आरोपी का हाजिर रहना निश्चित रूप से जरूरी है."
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि कोर्ट को ऐसा लगता है कि उन्हें सप्ताह में कम से कम एक बार अदालत में हाजिर होना चाहिए. इस साल मई में अदालत ने इस मामले के 7 आरोपियों को कहा था कि वे लोग सप्ताह में कम से कम एक बार जरूर हाजिर हों. 21 मई को अदालत ने इस मामले के आरोपी कर्नल पुरोहित, सुधाकर चतुर्वेदी और साध्वी प्रज्ञा को पेशी से छूट दी थी. बता दें कि 29 सितंबर 2008 को मुंबई के मालेगांव में हुए धमाके में 6 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
साध्वी प्रज्ञा लोकसभा चुनाव के दौरान ही बीजेपी में शामिल हुई थीं. उन्हें पार्टी ने भोपाल से कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा था. साध्वी प्रज्ञा ने दिग्विजय सिंह को लगभग साढ़े 3 लाख वोटों से मात दी थी.