राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 1993 में हुए विस्फोट के मामले में मृत्युदंड का सामना कर रहे देवेंदरपाल सिंह भुल्लर की पत्नी नवनीत कौर ने मंगलवार को सु्प्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पति के मृत्युदंड को तत्काल स्थगित किए जाने की अपील की. लेकिन चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कोई आदेश पारित करने से इंकार कर दिया. वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने पीठ के समक्ष यह मामला पेश किया.
जेठमलानी ने कहा कि मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब और संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की तरह भुल्लर की फांसी की भी तैयारी चल रही है.
नवनीत ने अपनी याचिका में कहा है कि अत्यंत देरी के बाद उनके पति की दया याचिका पर फैसला लेते वक्त दिमाग से काम नहीं लिया गया और प्रासंगिक परिस्थिति पर विचार किए बगैर ही सम्भवत: अप्रासंगित तथ्यों के आधार पर राय बना ली गई.
सुप्रीम कोर्ट ने 12 अप्रैल को भुल्लर की वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका पर निर्णय लेने में की गई देरी के आधार पर मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदलने की मांग की गई थी.
भुल्लर ने 14 जनवरी, 2003 को दया याचिका दायर की थी, जिसे राष्ट्रपति ने 25 मई, 2011 को खारिज कर दिया था.
भुल्लर को 1993 में युवक कांग्रेस कार्यालय में विस्फोट करने के मामले में मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है. इस घटना में 9 लोगों की मौत हो गई थी, तथा यह हमला युवक कांग्रेस के तत्कालीन नेता एम.एस. बिट्टा को लक्षित था.