विधान सभा चुनावों में कांग्रेस की बल्ले बल्ले हो गई है. तीनो राज्यों में पार्टी के पास या तो स्पष्ट बहुमत है या पार्टी बहुमत के काफी करीब है. महाराष्ट्र में कांग्रेस एनसीपी गठबंधन को जनादेश मिला है. अरुणाचल में कांग्रेस ने क्लीस्वीप किया है. पर हरियाणा में मामला थोड़ा उलझ गया. यहां 6 सीटों से कांग्रेस बहुमत से पीछे रह गई. वैसे नतीजों के कुछ ही घंटों के भीतर मुख्य मंत्री हुड्डा ने निर्दलीयों को अपने घर जुटा कर दावा किया की सत्ता की चाभी उन्हीं के हाथ में है.
हुड्डा ने जुटाया 6 निर्दलीयों का समर्थन
हरियाणा में सत्ता की सियासत गर्माई हुई है. गुरुवार देर शाम सिरसा से निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा पुलिस के साथ जाते दिखाई दिए. खबरें आईं उनकी गिऱफ्तार की. सियासी गलियारों में शोर मचा कि समर्थन के लिए हुड्डा सरकार ने निर्दलीयों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. पर कुछ ही देर बाद निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा अन्य निर्दलीय विधायकों के साथ दिल्ली में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के घर पर दिखे. गिरफ्तारी की खबर को नकारा और कांग्रेस के साथ होने का दावा किया. 6 निर्दलीयों को हुड्डा ने अपने घर बुला कर दावा कर दिया कि अब सत्ता की चाभी उन्हीं के हाथ में है.
उलझाने वाले रहे हरियाणा के नतीजे
वैसे हरियाणा के नतीजे उलझाने वाले थे. कुल 90 सीटों में कांग्रेस के हिस्से आई हैं 40 सीटें. आईएनएलडी 31, भजनलाल के बेटे कुलदीप विश्नोई की पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस 6, बीजपी 4, बीएसपी 1, अन्य 1 और निर्दलीय सात सीटों पर विजयी हुए हैं.
आईएनएलडी ने की वापसी
आईएनएलडी भी कांग्रेस से ज्यादा पीछे नहीं थी. पुराने सहयोगियों, कुछ निर्दलियों और कुलदीप बिश्नोई के साथ की आस लिए चौटाला ने सत्ता के लिए दावेदारी पेश की. उधर, कुलदीप विश्नोई भी खुद को किंगमेकर समझने लगे थे. उपमुख्यमंत्री बनने का ख्वाब भी संजो लिया था. कांग्रेस के सामने समर्थन के लिए हुड्डा को हटाने की शर्त तक रख दी थी. पर कुछ ही घंटों में निर्दलीयों को अपने खेमें शामिल कर हुड्डा ने एक झटके में सारा गणित अपने पक्ष में कर लिया.