कश्मीर में पैलेट गन के इस्तेमाल और उस पर उपजे विवाद के बाद सरकार ने इसका विकल्प ढूंढ लिया है. खबर है कि गृह मंत्रालय का एक एक्सपर्ट पैनल पैलेट गन की जगह PAVA शेल्स के इस्तेमाल पर विचार कर रहा है. पावा शेल मिर्ची के गोले हैं, जिससे ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता.
जानते हैं इस पावा शेल के बारे में:
1- ये छोटे-छोटे धातु के छर्रे होते हैं, जो शरीर में जाकर चुभ जाते हैं.
2- इन पावा शेल्स को साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के तहत लखनऊ स्थित प्रयोगशाला में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च ने विकसित किया था.
3- पावा यानी पेलागॉर्निक एसिड वनीलल अमाइड को नॉनिवमाइड के नाम से भी जाना जाता है.
4- यह प्राकृतिक काली मिर्च में पाया जाने वाला कार्बनिक यौगिक है.
5- इसका इस्तेमाल सामने वाले व्यक्ति के शरीर में जलन पैदा कर देता है और वह कुछ न कर पाने की हालत में पहुंच जाता है.
6- इन गोलों से शरीर को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता.
7- इन गोलों को बनाने के लिए भूत जोलोकिया का इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि ये देश की सबसे तीखी मिर्च है.
8- डीआरडीओ ने भूत जोलोकिया को हैंड ग्रेनेड में इस्तेमाल करने का प्लान 2009 में ही बनाया था.
9- ग्रेनेड लॉन्चर से छोड़े जाने के बाद पांच सेकेंड के भीतर 90 मीटर के दायरे में धुंआ जैसा फैल जाता है.
10- इसे हैंड ग्रेनेड और टैंक जैसे डिवाइस, दोनों से छोड़ा जा सकता है.
11- इसे भारतीय सेना ने एक गुफा में छिपे पाकिस्तानी आतंकवादी सज्जाद अहमद का सफाया करने के लिए इस्तेमाल किया था.