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विदेश मंत्रालय की संसदीय कमेटी में डोकलाम पर चर्चा का सत्ता पक्ष के MPs ने किया विरोध

बैठक में राहुल गांधी समेत सभी सांसदों ने डोकलाम से जुड़े कई सवाल पूछे. राहुल गांधी ने पूछा कि डोकलाम को लेकर चीन का मकसद क्या है. साथ ही राहुल ने ये भी पूछा कि चीन ने जो डोकलाम से 30 किलोमीटर के दायरे में आवासीय परिसर बनाए हैं, उसका भारत पर क्या असर पड़ेगा और उस पर भारत सरकार क्या कर रही है.

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डोकलाम (फाइल फोटो)
डोकलाम (फाइल फोटो)

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विदेश मंत्रालय से जुड़ी संसदीय कमेटी की बैठक में सत्ता पक्ष से जुड़े सांसदों ने डोकलाम के मुद्दे पर बार-बार चर्चा करने का विरोध किया. इन सांसदों ने कहा कि जब हमारे पास विदेश सचिव और रक्षा सचिव जैसे अधिकारी हैं तो फिर विशेषज्ञों को बुलाने की क्या जरूरत है. वहीं, बैठक में सरकार ने कहा कि भूटान भारत के साथ है, वो चीन के सामने नहीं झुकेगा.

डोकलाम मुद्दे पर क्या कर रही सरकार: राहुल गांधी

इस बैठक में राहुल गांधी समेत सभी सांसदों ने डोकलाम से जुड़े कई सवाल पूछे. राहुल गांधी ने पूछा कि डोकलाम को लेकर चीन का मकसद क्या है. साथ ही राहुल ने ये भी पूछा कि चीन ने जो डोकलाम से 30 किलोमीटर के दायरे में आवासीय परिसर बनाए हैं, उसका भारत पर क्या असर पड़ेगा और उस पर भारत सरकार क्या कर रही है.

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'वन बेल्ट वन रोड' पर भारत का विरोध जारी

सरकार ने दो सचिवों के जरिए कमेटी को बताया की चीन अपने इलाके में जो कर रहा है, वो हमारी चिंता का विषय नहीं है. सचिवों ने कहा कि 'वन बेल्ट वन रोड' पर भारत का विरोध जारी है. सूत्रों के मुताबिक, विदेश सचिव विजय गोखले और रक्षा सचिव संजय मित्रा ने विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति को जवाब दिया कि ये प्रोजेक्ट भारत के हित में नहीं था.

'चीन के सामने नहीं झुकेगा भूटान'

राहुल गांधी के एक सवाल पर सरकार ने कहा कि भूटान इस मुद्दे पर मजबूती के साथ भारत के साथ है, वो चीन के सामने नहीं झुकेगा. सरकार ने ये भी बताया कि डोकलाम पर दोनों देश के पीछे हटने के बाद यथास्थिति बनी हुई है.

सत्ता पक्ष के कई सांसदों ने ये भी कहा कि इस मामले पर सरकार एक विस्तृत रिपोर्ट दे, जिससे आगे से डोकलाम मुद्दे पर अखबार या इंटरनेट की खबरों के आधार पर चर्चा ना हो.

डोकलाम समेत चीन और भारत के संबंधों पर कमेटी ने विस्तृत जनकारी देने के लिए तीन विशेषज्ञों (पूर्व आर्मी चीफ दीपक कपूर, पूर्व राजनयिक नलिन सूरी और रिटायर्ड कर्नल विनायक भट्ट) की टीम बनाई थी. ये टीम सत्ता पक्ष के सांसदों के विरोध के चलते अपनी प्रेजेंटेशन भी कमेटी के सामने नहीं रख पाई.

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