पेट्रोलियम मंत्रालय जासूसी कांड में एक के बाद एक नए खुलासे होते जा रहे हैं. मंत्रालय से सरकार के नीतिगत गोपनीय दस्तावेज चोरी कर बेचने के मामले में क्राइम ब्रांच को एक दूसरे ग्रुप के बारे में भी जानकारी मिली है. यह ग्रुप लोकेश का है, जो पेट्रोलियम मंत्रालय में ही चपरासी के पद पर तैनात है. पुलिस लोकेश को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ कर रही है. पूछताछ में मिली सूचनाओं के आधार पर पुलिस लोकेश ग्रुप के खिलाफ दूसरी FIR दर्ज कर सकती है. इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने 5 कंपनियों के सीनियर अधिकारियों को जांच में सहयोग देने के लिए नोटिस भी जारी किया है.
अगर दूसरी बार मामला दर्ज किया जाता है तो क्राइम ब्रांच उस ग्रुप के आरोपियों को भी गिरफ्तार करेगी. हालांकि, अभी तक की पूछताछ में पता चला है कि लोकेश ग्रुप की इस मामले में पकड़े गए 12 आरोपियों से कोई सांठगांठ नहीं है. इसके ग्रुप के सदस्य अन्य ऊर्जा कंपनियों को गोपनीय दस्तावेज बेचते थे.
इससे पहले खुलासा हुआ था कि शास्त्री भवन के 7 कमरों से गोपनीय फाइलें बाहर गईं थीं. इस मामले में रविवार का दिन काफी महत्वपूर्ण हो सकता है. क्योंकि रविवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच कई कंपनियों के दफ्तरों पर छापे मार सकती है.
गिरफ्त में आए लोगों से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर अब क्राइम ब्रांच इस मामले में जांच के दायरे में आई कंपनियों के बड़े अधिकारियों से भी पूछताछ की तैयारी कर रही है. पुलिस ने शनिवार को भी एस्सार और दूसरी कपंनियों के बड़े अधिकारियों से पूछताछ थी.
इस बीच गिरफ्त में आए पूर्व पत्रकार शांतनु सैकिया ने शनिवार को बताया कि वे दस हजार करोड़ के घोटाले का खुलासा करने वाले थे, इसलिए उन्हें गलत तरीके से फंसाया जा रहा है. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी शनिवार को कहा कि इस मामले में किसी भी दोषी व्यक्ति को बक्शा नहीं जाएगा और कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी.
क्राइम ब्रांच उर्वरक, पावर सेक्टर, सोलर एनर्जी और पर्तो कैमिकल्स में भी आरोपी शांतनु सैंकिया की भूमिका की जांच कर रही है. पुलिस इस मामले में शांतनु के स्टाफ से भी उनके व्यवहार और काम के बारे में बातचीत कर रही है. यही नहीं पुलिस ने शांतनु के उन ग्राहकों की लिस्ट भी बनाई है, जिनके साथ उसने अब तक बिजनेस किया है.
इससे पहले शनिवार को मंत्रालय जासूसी कांड में शामिल पांचों आरोपियों को कोर्ट ने तीन दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया. जासूसी कांड में फंसे कॉरपोरेट जगत के इन पांच आरोपियों को 24 फरवरी तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया है. कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 24 फरवरी करेगा.
बता दें कि पेट्रोलियम मंत्रालय में जासूसी का खुलासा इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) से मिली जानकारी के आधार पर हुआ. सूत्रों के मुताबिक आईबी ने सितंबर में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को इसकी जानकारी दी थी. आईबी के मुताबिक मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के दो अधिकारी शक के दायरे में हैं. आईबी इस केस में 6 महीने से काम कर रहा था.
अब भी पीएमओ सीधे आईबी के संपर्क में है और गृह मंत्रालय को भी पल-पल की जानकारी दी जा रही है. खुफिया विभाग अब पेट्रोलियम व अन्य मंत्रालयों के बड़े अधिकारियों के विदेश दौरों से जुड़ी जानकारी भी जुटा रहा है.
उधर, जासूसी कांड की तफ्तीश एक कदम आगे बढ़ गई है. पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला है कि शांतनु सैकिया और प्रयास जैन पांच बड़ी कंपनियों के अधिकारियों को खुफिया दस्तावेज बेचते थे. इन दोनों से दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने में पूछताछ की जा रही है. शुक्रवार को बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों के 5 अधिकारी गिरफ्तार कर लिए गए.
पुलिस को आरोपियों के पास से बेहद संवेदनशील दस्तावेज मिले हैं. वहीं जांच में ऐसे संकेत भी मिले हैं कि जासूसों के तार सिर्फ पेट्रोलियम मंत्रालय ही नहीं बल्कि कोयला और ऊर्जा समेत कई मंत्रालयों में फैले थे. दिल्ली पुलिस ने जासूसी कांड में जो एफआईआर दर्ज की है, उसके मुताबिक आरोपियों से कई संवेदनशील दस्तावेज बरामद हुए हैं. जिनमें ये अतिसंवेदनशील दस्तावेज शामिल हैं.
- वित्त मंत्री के बजट भाषण का हिस्सा
- प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्रा की एक गोपनीय चिट्ठी
- पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल की दिसंबर महीने की गोपनीय रिपोर्ट
- 4 फरवरी की श्रीलंका में अवसरों की समीक्षा हेडर वाली रिपोर्ट
- अलग अलग क्षेत्रों की गोपनीय परफॉर्मेंस रिपोर्ट
- मिनिस्ट्री ऑफ पीएनजी के एक्स्पलोरेशन डिवीजन के गोपनीय दस्तावेज शामिल हैं.
ये तमाम दस्तावेज बिचौलिये राकेश से बरामद हुए हैं. अब तक इस मामले में कुल 12 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. जिनमें रिलायंस और एस्सार समेत कई बड़े कॉरपोरेट समूहों के बड़े अधिकारी भी शामिल हैं.
शुक्रवार को हुईं ये 5 बड़ी गिरफ्तारियां
- एडीएजी रिलायंस के डीजीएम ऋषि आनंद
- केयर्न्स इंडिया से के के नायक
- जुबीलेंट एनर्जी के सुभाष चंद्रा
- एस्सार के विनय कुमार
- RIL के मैनेजर शैलेश सक्सेना