अब भी यदि आपको कोई शक है कि साल 2010 में मनमोहन सिंह सरकार के समय हुए 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी चॉपर सौदे को विदेश में बैठे कुछ संदिग्ध एजेंटों ने अपने मनमाफिक ढंग से करवाया तो आप भौंचक्का हो जाने के लिए तैयार रहिए. इस सौदे के मुख्य मध्यस्थ क्रिश्चियन मिशेल द्वारा काफी सावधानी से तैयार डायरी के नोट्स अब इंडिया टुडे टीवी के पास हैं. इस डायरी के पन्नों से वीवीआईपी चॉपर घोटाले की अंदरूनी जानकारी मिलती है और यह पता चलता है कि आखिर कैसे कुछ करोड़ यूरो की बदौलत पूरे भारतीय सिस्टम में हेरफेर किया गया.
मिशेल ही वह महत्वपूर्ण मोहरा है जिसने चॉपर घोटोल में सारा बंदोबस्त किया और उसे यह सौदा कराने के लिए मोटी फीस दी गई. इटली से सीबीआई को हासिल मिशेल के नोट्स से इस सौदे के बारे में भारत की चिंताएं और गहरी हो जाती हैं. मिशेल के नेटवर्क से जुड़े एजेंट भारत सरकार के हर गतिविधि की जानकारी उसे देते थे. कोई भी महत्वपूर्ण बैठक होती तो उसे पहले से पता चल जाता था. जहां जरूरत होती थी वह पैसा फेंकने के लिए तैयार रहता था. इस काम के लिए उसके पास 5.2 करोड़ यूरो का बजट था.
किसे मिला, कितना पैसा
घूसखोरी के विवरण से पता चलता है कि मिशेल ने भारतीय वायु सेना के चार अधिकारियों को कुल मिलाकर 60 लाख यूरो का घूस दिया था. यही नहीं, तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एंटनी के मंत्रालय के कई अधिकारियों को भी घूस दिए गए. विवरण के अनुसार रक्षा मंत्रालय के कम से कम छह वरिष्ठ अधिकारियों को 84 लाख यूरो की भारी-भरकम रकम दी गई. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राजनेताओं को दी जाने वाली भारी-भरकम रकम का ब्योरा भी डायरी के नोट्स में दिया गया है. 'एपी' जैसे रहस्यमय शॉर्टनेम वाले राजनीतिज्ञ और इसी तरह एक 'फैमिली' को 1.5 से 1.6 करोड़ यूरो तक दिए गए.
यह विस्फोटक नोट साल 2008 के उस मेमो की याद दिलाता है, जिसमें मिशेल साफतौर से अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी को सलाह देता है कि वह सोनिया गांधी की पूरी ए टीम, जैसे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह , सोनिया के करीबी सहयोगी अहमद पटेल आदि को साधने की कोशिश करे, ऐसा माना जा रहा है कि डायरी के पन्ने में जिस 'एपी' शॉर्ट नेम की बात हो रही है वह अहमद पटेल ही हैं. इंडिया टुडे टीवी ने पहली बार इस घोटाले से जुड़े ऐसे आंकड़े और अंक सामने लाए हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. अब जबकि भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी और दो अन्य लोग सीबीआई की हिरासत में हैं, सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या मिशेल के इस विस्फोटक नोट्स में उल्लेख किए गए अन्य लोगों से भी पूछताछ की जाएगी?